भुगतान नहीं तो तेल देने से इंकार:डेढ़ लाख घरों से सुबह नहीं उठा कूड़ा, नगर निगम ने नहीं किया भुगतान

Lucknow

(www.arya-tv.com)नगर निगम द्वारा समय पर डीजल का भुगतान न करना शहर के डेढ़ लाख घरों को भारी पड़ा। नगर निगम जोन सात और चार में कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां नहीं जा सकीं। इसकी वजह से डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन और डंपिंग का काम प्रभावित हो गया। गोमती नगर के वीआईपी इलाके भी शामिल है। जहां नेताओं और आईएएस अधिकारियों का आवास है।

दरअसल, जोन चार और सात के गाड़ियों को तेल पॉलिटेक्निक स्थित पेट्रोल पंप देता था। लेकिन उसका करीब 1 करोड़ 40 लाख रुपये का बकाया हो गया। पंप मालिक दो दिन से सप्लाई करने से मना कर रहा था। लेकिन नगर निगम की तरफ से पैसा दिया गया। उसके बाद गुरुवार की सुबह उसने गाड़ियों में तेल देने से मना कर दिया । इसके बाद दोनों जोन में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। 15 से ज्यादा पार्षद जोनल अधिकारियों को फोन कर शिकायत करने लगे। 10 बजे तक कोई गाड़ी नहीं चल पाई। उसके बाद जोन सात के जोनल अधिकारी चन्द्रशेखर यादव ने लेखराज डॅालर के पास स्थित पेट्रोल पंप से बात कर तेल की व्यवस्था की।

जोन सात का 78 लाख रुपए का बकाया

जोन सात में तेल का 78 लाख रुपये का बकाया हो गया है। इसमें इंदिरा नगर, जानकीपुरम, विकास नगर, चिनहट, भूतनाथ मार्केट, कुर्सी रोड समेत कई इलाकों में परेशानी रही। सबसे ज्यादा दिक्कत विकास नगर और कुर्सी पर बने शोरूम और होटल मालिकों को हुई। वहां कोई कूड़ा लेने के लिए नहीं आया।

जोन चार में 60 लाख से ज्यादा का बकाया

जोन चार में 60 लाख रुपये से ज्यादा का बकाया बताया जा रहा है। इसकी वजह से गोमती नगर के घरों में कोई कूड़ा उठाने नहीं आया। बीजेपी नेता शैलेन्द्र वर्मा ने बताया कि वह चिनहट वॉर्ड दो में रहते है। कोई कूड़ा उठाने पहले भी नहीं आता था लेकिन गुरुवार को पूरे वॉर्ड में समस्या रही। बताया कि यहां सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी अक्सर दूसरे वॉर्ड में लगा दी जा रही है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

इस बारे में जोन सात के जोनल अधिकारी चन्द्रशेखर यादव का कहना है कि दूसरी जगह से तेल का इंतजाम कर गाड़ियां चलाई गई। हालांकि सुबह कुछ परेशानी थी। वहीं जोन चार के जोनल अधिकारी सुजित श्रीवास्तव ने बताया कि पेट्रोल पंप मालिक से बताया गया था कि कुछ दिन में पैसा मिल जाएगा। लेकिन उसके बाद भी उसने काम रोका। यह सरकारी काम में बांधा पहुंचाने की बात थी। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की बात हुई तो माफी मांगते हुए डीजल देना शुरू किया। हालांकि अधिकारियों के दावे के बाद भी हजारों घर से दोपहर एक बजे तक कूड़ा नहीं उठा था।