मेरठ में एक करोड़ लेने स्वर्ग से आ गए ‘पूर्व सांसद’, जानिए क्या है पुरा मामला

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(www.arya-tv.com) दो बार राज्यसभा सदस्य रहे जनता पार्टी के नेता प्रेम मनोहर की कृषि भूमि के लगभग एक करोड़ रुपये मुआवजे को लेकर अफसरों के सामने अजीबोगरीब स्थिति बन गई है। एक व्यक्ति ने सभी दस्तावेज प्रस्तुत कर खुद को प्रेम मनोहर बताया और मुआवजा मांगा। भुगतान की प्रकिया शुरू हुई तो एक अन्य व्यक्ति ने खुद को प्रेम मनोहर का पुत्र बताकर दावा किया कि प्रेम मनोहर की मृत्यु आठ साल पूर्व हो चुकी है। अफसरों ने भुगतान प्रक्रिया तत्काल रुकवाकर दोनों के दावों की जांच एसडीएम मवाना को सौंपी है।

दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे प्रेम मनोहर

नौ अक्टूबर 1923 को जन्मे प्रेम मनोहर जनता पार्टी के नेता थे। पहली बार 1968 से 1974 तक तथा दूसरी बार 1977 से 1980 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। प्रेम मनोहर के नाम राष्ट्रीय राजमार्ग 119 (मेरठ-पौड़ी हाईवे) पर बहसूमा के पास गांव समसपुर में लगभग 80 बीघा कृषि भूमि है। प्रेम मनोहर की हाईवे के चौड़ीकरण में अधिग्रहीत उनकी भूमि का लगभग एक करोड़ रुपये मुआवजा बनता है। इसके भुगतान के लिए प्रेम मनोहर खुद एडीएम भूमि अध्याप्ति के कार्यालय पहुंचे थे। आधार कार्ड, मूल निवास, मतदाता पहचान पत्र तथा बैंक खाता की पासबुक आदि दस्तावेज पेश करके दावा किया था।

कैसे बने फर्जी दस्तावेज, निशाने पर लेखपाल

जिलाधिकारी के निर्देश पर इस मामले की जांच एसडीएम मवाना को सौंपी गई है। वे दोनों दावों की जांच करेंगे। यदि प्रेम मनोहर की मृत्यु साबित होती है तो यह जांच होगी कि प्रेम मनोहर के नाम के फर्जी दस्तावेज कैसे बने? कई दस्तावेजों में लेखपाल की रिपोर्ट लगी है। साथ ही लेखपाल ने प्रेम मनोहर की शिनाख्त का प्रमाण-पत्र भी जारी किया है। लिहाजा कार्रवाई के निशाने पर लेखपाल है।

पुत्र बोले-जिंदा नहीं हैं हमारे पिता प्रेम मनोहर

मुआवजे के लिए पहला चेक लगभग 84 लाख रुपये का तैयार किया गया। इसे सौंपने से पहले ही एक अन्य व्यक्ति प्रशांत ने एडीएम आफिस पहुंचकर बताया कि प्रेम मनोहर की मृत्यु हो चुकी है। वह और प्रणव दो भाई अब उनके वारिस हैं। वह बीस साल से मुंबई में रहते हैं। उन्होंने धोखेबाज लोगों पर कार्रवाई की मांग की।

इन्‍होंने कहा

प्रेम मनोहर पूर्व राज्यसभा सदस्य थे। उनके नाम के मुआवजे के लिए दो आवेदन मिले हैं। मामला गंभीर है। इसकी जांच एसडीएम मवाना को सौंपी गई है।