लड़के को चाहिए थे पैसे, बहन को भेज दी फोटो, और मांगने लगा 1 लाख रुपये,गिरफ्तार

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(www.arya-tv.com)  रविवार को यूपी पुलिस कांस्टेबल की परीक्षा देने गए एक पुलिसकर्मी के बेटे ने परिजनों से पैसे ऐंठने के लिए अपने अपहरण की ही झूठी कहानी रच दी. 20 वर्षीय युवक ने अपने हाथ-पैर बांधे और उसकी तस्वीर खींचकर बहन को भेज दिया. साथ ही यह भी मैसेज भेजा की अगर अपने भाई की सलामती चाहती हो तो 1 लाख रुपये दो. युवक पहले अपने परिजनों को भटकाता रहा. कभी खुद को गाजियाबाद के ट्रांस-हिंडन इलाके में बताता तो कभी पश्चिमी यूपी में. लेकिन मामले की तलाश में जुटी पुलिस ने उसे लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया.

रोहित ने अपनी बहन को भेजी किडनैप होने की फोटो
डीसीपी (ट्रांस-हिंडन) निमिष पाटिल ने कहा कि रोहित कुमार को कथित तौर पर कर्ज चुकाना था, जो उसने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए विभिन्न ऐप से लिया था. उन्होंने दावा किया कि वह 60,000 रुपये और निवेश करना चाहते थे. क्योंकि उसे अधिक लाभ की उम्मीद थी. रविवार को वह परीक्षा देने के लिए घर से बिजनौर के लिए निकला था. कुछ घंटों बाद, उसने अपनी बहन को व्हाट्सएप पर तस्वीरें भेजीं, जिसमें वह बंधक की स्थिति में दिख रहा था – उसका मुंह बंद था और उसके हाथ-पैर रस्सियों से बंधे हुए थे.

रोहित की बहन पैसे देने के लिए हो गई तैयार
डीसीपी ने कहा, “रोहित ने अपनी बहन से बात की और उसे बताया कि उसका अपहरण कर लिया गया है. इसके बाद, वह अपहरणकर्ता होने का नाटक करते हुए, उसे मैसेज भेजता रहा. एक मैसेज में, उसने लिखा, ‘(आपका) भाई पैसे भेजने के बाद ही सुरक्षित रहेगा’. रोहित की बहन ने पैसे की व्यवस्था के लिए समय मांगा और ‘अपहरणकर्ता’ द्वारा शेयर किए गए ई-वॉलेट में कुछ पैसे ट्रांसफर करने के लिए सहमत हो गई. लेकिन उसने इस बात का सबूत देने पर ज़ोर दिया कि उसका भाई सुरक्षित है.

रोहित ने खाना खाने के लिए 100 रुपये मांगे
डीसीपी ने कहा, “इस बार, रोहित ने उसे एक तस्वीर भेजी जिसमें बैकग्राउंड में एक मालगाड़ी थी. हालांकि उसने जगह के बारे में नहीं बताया. लेकिन रोहित ने ट्रेन में होने का दावा किया. इन सभी मैसेज के बीच रोहित ने एक मैसेज भेजा, ‘मुझे भूख लगी है, अभी सौ रुपये भेजो.” जबकि बहन देर रात तक ‘अपहरणकर्ता’ के साथ संदेशों का आदान-प्रदान करती रही.

रोहित लगातार बदल रहा था लोकेशन
रोहित के पिता, कृष्ण गोपाल, जो 41 पीएसी बटालियन में एक कांस्टेबल हैं, उन्होंने सोमवार सुबह पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. कौशांबी से पुलिस की पांच टीमें, ट्रांस-हिंडन स्वाट टीम और अपराध शाखा ने युवक का पता लगाने के लिए कमर कस ली. जांच के दौरान, पुलिस को पता चला कि तस्वीरों और संदेशों का पहला सेट मोदीनगर से युवक के फोन से रोहित की बहन को भेजा गया था. बाद में फ़ोन का स्थान बदलता रहा – मोदीनगर से गाजियाबाद शहर, फिर बदायूं, शाहजहांपुर और अंत में लखनऊ.

रोहित को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया गया
डीसीपी ने कहा, “रोहित जानबूझकर शहर बदलता रहा, जिससे हमारा काम मुश्किल हो गया. उसकी आखिरी लोकेशन लखनऊ के नाका हिंडोला इलाके में पाई गई थी. जब पुलिस की एक टीम शाम 6 बजे के आसपास मौके पर पहुंची, तो उन्होंने पाया कि आसपास कई रेस्तरां थे. रोहित को इनमें से एक भोजनालय के बाहर अकेले टहलते हुए पाया गया. रोहित को उस रात बाद में गाजियाबाद वापस लाया गया. मंगलवार को उसे बीएनएस धारा 140 (2) (फिरौती के लिए अपहरण आदि) के तहत गिरफ्तार कर लिया गया.