आर्बिट्रेज फंड के साथ करें अल्पकालिक अस्थिरता का सामना

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(www.arya-tv.com)बाजार में तेजी के साथ उतार-चढ़ाव के कारण निवेशक एक बार फिर से आर्बिट्रेज श्रेणी के फंड्स में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। निवेशक अपनी लघु अवधि की सरप्लस आमदनी को आर्बिट्रेज फंड में डाल सकते हैं। इसमें न्यूनतम जोखिम है और नियमित आय और कर में फायदे के साथ पूंजी बढ़ती है। पूरी तरह से सुरक्षित इक्विटी पोर्टफोलियो में मुनाफे के अवसर ज्यादा होते हंै और किसी भी तरह डायरेक्शनल इक्विटी काॅल्स को यह दूर रखता है।

यूटीआई आर्बिट्रेज फंड इन फंड्स में सबसे पहले आए फंड्स में से है, जिसे 2006 में लाॅन्च किया गया था और अब इसका 14 वर्ष का ट्रैक रिकाॅर्ड है जो कई तरह की मार्केट साइकिल्स में फैला है। इस फंड ने अपने रेग्यूलर और डायरेक्ट प्लांस में मासिक लाभ देने के साथ ही अब तक अच्छा प्रदर्शन किया है। कम्पाउंडेड एनुअल ग्रोथ के आधार पर फंड ने ग्रोथ आॅप्शन वाले रेग्युलर प्लान पर 5.58 प्रतिशत का रिटर्न दिया है और ग्रोथ ऑप्शन डायरेक्ट प्लान पर 6.12 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। यह एक वर्ष के आधार पर है (3 जून, 2020 के आंकड़ों के अनुसार)।

चूंकि फंड इक्विटी ओरिएंटेड है, इसलिए अन्य निवेश अवसरों के मुकाबले कैपिटल गेन्स टैक्स और डिवीडेंड डिस्ट्रीब्यूशन के संदर्भ में टैक्स में भी कुछ फायदा हो जाता है। इस फंड का मासिक डिवीडेंड वितरण का काफी अच्छा ट्रेक रिकाॅर्ड रहा है। डिवीडेंड के रूप में मिलने वाली नियमित आय के जरिए निवेशक अपने निवेश की पूरी तरह से प्लान कर सकते हैं। इसके अलावा एनएवी पर होने वाला लाभ आपके रिटर्न मंे और जुड़ जाता है।

इस समय ऋण से जुडे़ मामलों और बाजार के उतार-चढ़ाव के कारण बाजार का वातावरण काफी जोखिम भरा है। ऐसे में आर्बिट्रेज फंड अपनी बचत या लाभ को छोटी अवधि के लिए रखने का अपेक्षाकृत ज्यादा सुरक्षित निवेश उपाय है। पूरी तरह सुरक्षित इक्विटी पोर्टफोलियों निवेशक की चिंता खत्म कर देता है और मुनाफे के अच्छे अवसर देता है। डेब्टसाइड पर फंड मैनेजर अच्छे डेब्ट इंस्ट्रूमेंटस जैसे एएए, ए1 प्लस पर फोकस करता है, जिनकी औसत मैच्योरिटी अवधि 228 दिन की होती है।

फंड के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए यूटीआई आर्बिट्रेज फंड एक अच्छा निवेश विकल्प हो सकता है। उल्लेखनीय बात यह भी है कि फंड आकार में काफी बढ़ गया है। जनवरी 2019 में इसका एयूएम 1319 करोड़ रुपए था, जो 29 मई, 2020 तक 2849 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।