51 देशों को एक साथ भारत ने उतारा मैदान में! अमेरिका, रूस और ईरान के युद्धपोत बरपाएंगे कहर, चीन डरा

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(www.Arya Tv .Com) मौजूदा समय में कई बड़े देशों के संबंध आपस में सही नहीं चल रहे हैं. अमेरिका और रूस के बीच का मनमुटाव जगजाहिर है. वहीं मौजूदा समय में ईरान के साथ भी अमेरिका के तल्ख रिश्ते चल रहे हैं. इसके अलावा भारत का चीन, पाकिस्तान और मालदीव जैसे देशों के साथ रिश्ते खराब हुए हैं. इजराइल-फिलिस्तीन और रूस-यूक्रेन के बीच एक लंबे समय से युद्ध चल रहा है. इन सब के बावजूद भारत ने दुनिया के 51 देशों को एक साथ अपनी जमीं पर उतार दिया है.

भारत की मेजबानी में एक नौसैनिक अभ्‍यास कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है. इस अभ्‍यास कार्यकम का नाम ‘मिलन नौसैनिक अभ्‍यास’ है. अभ्यास के दौरान अमेरिका से लेकर रूस में निर्मित कई खतरनाक युद्धपोत देखने को मिलेंगे.

विश्व पटल पर इसे भारत की सबसे बड़ी कूटनीतिक ताकत के रूप में देखी जा रही है. क्योंकि मौजूदा समय में रूस, अमेरिका और ईरान जैसे देशों के जो संबंध हैं. इसके बावजूद अगर वह भारत के कहने पर एक साथ किसी युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं तो यह बहुत बड़ी बात है.

‘मिलन नौसैनिक अभ्यास’ विशाखापत्तनम में आयोजित होने वाला है. अभ्यास के दौरान टेबल-टॉप अभ्यास, चर्चा और बंदरगाह चरण जैसी विभिन्न गतिविधियां शामिल हैं.

चीन को नहीं किया गया आमंत्रित

‘मिलन नौसैनिक अभ्यास’ में चीन को आमंत्रित नहीं किया गया है. हाल के कुछ सालों में चीन के साथ भारत के रिश्ते काफी खराब हुए हैं. दोनों देशों की सेनाओं में भी नोकझोंक देखने को मिली है. भारत इस अभ्यास के जरिए अपने पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान को कड़ा संदेश भी देना चाहता है.

इजरायल नहीं ले रहा है हिस्सा

‘मिलन नौसैनिक अभ्यास’ से इजरायल ने अपना नाम वापस ले लिया है. इसके पीछे की वजह उसने गाजा की मौजूदा परिस्थितियां बताई हैं. मौजूदा समय में इजरायली सेना और हमास आमने-सामने है.

भारत के वाइस एडमिरल तरुण सोबती के अनुसार बंदरगाह चरण का आयोजन 19 से 23 फरवरी तक होगा. वहीं 24 से 27 फरवरी के बीच समुद्री अभ्यास चलेगा. मिलन अभ्यास की शुरुआत सर्वप्रथम 1995 में पोर्ट ब्लेयर में हुई थी.

अभ्यास में अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, बांग्लादेश, ब्राजील, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, इंडोनेशिया और मलेशिया की नौसेनाएं भाग ले रही हैं. वहीं बुधवार को प्रेस वार्ता से पहले यह जानकारी दी गई कि कनाडा, जर्मनी, इराक, इटली, स्पेन और यमन भी पहली बार इस अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए तैयार है.