पुस्तक लोकार्पण एवं सम्मान समारोह चैम्बर आफ कामर्स मेरठ में हर्षोल्लास के साथ संपन्न

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(www.arya-tv.com) उत्कर्ष प्रकाशन मेरठ द्वारा आयोजित पुस्तक लोकार्पण एवं सम्मान समारोह 26 मई को माँ शारदे की कृपा से चैम्बर आफ कामर्स मेरठ में हर्षोल्लास के साथ संपन्न हो गया… अध्यक्षता वरिष्ठ अधिवक्ता चौ. नरेन्द्रपाल सिंह ने की।मुख्य अतिथि ओज के हिमालय अन्तर्राष्ट्रीय कवि डा. हरिओम पंवार औरडा. संतोष शर्मा (पूर्व कुलपति अरनी वि.वि. कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश) मंचासीन रहे।
विशिष्ट अतिथियों में दैनिक जनवाणी के समूह संपादक यशपाल चौधरी जी, दैनिक हिंदुस्तान समूह संपादक रहे श्री पुष्पेन्द्र शर्मा, प्रसिद्द व्यंग्यकार निर्मल गुप्त, जिला बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री रामकुमार शर्मा एडवोकेट, सत्यवीर सिह डागर समाजसेवी, चौ. यशपाल सिंह कांग्रेसी नेता, मेजर डा. देशराज सिंह, लव कुमार जी, डा. रविन्द्र राणा, उत्कर्ष प्रकाशन के चेयरमैन एस.के. शर्मा जी मंच पर मौजूद रहे।
दीप प्रज्ज्वलन पुष्पांजलि पश्चात मां सरस्वती वंदना पर बालिका गुनगुन ने नृत्य प्रस्तुत किया।
इस मौके पर सरधना बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट वेदपाल सिंह द्वारा रचित काव्य संग्रह ‘‘वेदचरित मानस’’ का लोकार्पण डा. हरिओम पंवार और डा. संतोष शर्मा आदि अतिथियों ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में मेरठ व दूर-दराज के साहित्यकार बन्धु उपस्थित रहे।
एडवोकेट वेदपाल सिंह को उत्कर्ष प्रकाशन की ओर से प्रतीक चिन्ह भेंटकर और शाल औढ़ाकर मां शारदे उत्कर्ष सम्मान-2024 से सम्मानित किया। उससे पूर्व समस्त सभागार में उपस्थित सभी लोगों ने उनका माल्यार्पण कर भरपूर स्वागत किया…
देश भर में विस्तारित हो रहे अखिल भारतीय उत्कर्ष साहित्य मंच के तत्वावधान में आयोजित इस समारोह मे डा. हरिओम पंवार ने पुस्तक प्रकाशन की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि हिन्दी साहित्य को बढ़ावा देने का कार्य उत्कर्ष प्रकाशन लम्बे समय से कर रहा है जो सराहनीय है। उनको उत्कर्ष प्रकाशन द्वारा सम्मान पत्र भेंटकर शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया…
डा. हरिओम पंवार, व्यंगकार निर्मल गुप्त आदि को सम्मानित करने के बाद उत्कर्ष प्रकाशन द्वारा वर्ष 2024 में प्रकाशित 21 पुस्तकों के लिए उनके रचनाकारों को मां शारदे उत्कर्ष सम्मान-2024 देकर सम्मानित किया गया।
जिनमें पुस्तक
–‘‘संस्कृति के मानवतावादी स्वर’’ के लिए मवाना निवासी डा. अनीता उन्मुक्त को,
–‘’कौशल प्रसादः कंटक पथ पर नंगे पांव’’ हेतु कांधला निवासी एडवोकेट शिखा कौशिक और शालिनी कौशिक को,
–’’कुछ कही अनकही’’ पुस्तक के लिए गाजियाबाद निवासी श्री प्रकाशचन्द्र गुप्ता को,
–बाल साहित्यकार श्री शरद कुमार श्रीवास्तव को बाल कहानियां प्रिंसेज डाल के लिए,
–हापुड़ निवासी कवयित्री श्रीमती रेनू माथुर को पुस्तक ‘‘मेरे अपने’’ के लिए,
–डा. रविन्द्र प्रताप राणा को ‘‘जर्नलिज्म एण्ड मास कम्यूनिकेशन्स’’ के लिए,
–दिल्ली से पधारे एम. राशिद अंसारी को ‘‘शायराना सफर’’ के लिए,
–श्रीपति प्रसाद चौधरी ‘श्री’ को ‘‘जीवन की उत्पत्ति व विकास’’ के लिए।
–सुभारती के प्रो. अशोक त्यागी को पुस्तक ‘‘एक बदनाम शहीदः नाथुराम गोड़से’’ के लिए सम्मानित किया गया।
–लोनी गाजियाबाद निवासी श्री गजराज सिंह बैसला को ‘‘जीवन का सच और प्रेरक सुक्तियां’’ नामक पुस्तकों के लिए,
–बागपत निवासी असिसटेंट प्रोफेसर डा. अशोक यादव को साझा आलेख संग्रह ‘‘भारतीय राजनीति’’ के कुशल संपादन हेतु,
–इस्माईल डिग्री कालेज में असिस्टेंट प्रोफेसर डा. रेनू अग्रवाल को ‘‘जीवन प्रबन्धन कैसे करें?’’ मोटीवेशनल पुस्तक के लिए,
–नोयडा निवासी सीमा मेरठी को उनके काव्य संग्रह ‘‘फूल खुशबू और मैं’’ के लिए,
–दूधली ग्राम मवाना निवासी राजेन्द्र सिंह काकराणा को ‘‘भारत में काकती राज्य’’ के लिए,
–कैप्टन चन्द्रपाल यादव जी को बाल पुस्तक ‘‘कहानियां भविष्य के कर्णधारों की’’ के लिए,
–सहदेव कुमार जी को ‘‘मेरा मेरठ’’ पुस्तक के लिए।
–मेजर डा. देशराज सिंह को ‘‘महान देशभक्त’’ और ‘‘स्वामी विवेकानन्द’’ के लिए,
–छिबरामऊ से पधारे धक्कड़ फर्रूखाबादी को ‘‘चंदा मामा दूर हैं’’ के लिए,
–प्रयागराज से पधारीं महक जौनपुरी को ‘‘परछाईया’ नज्म एवं संस्मरण के लिए,
–डा. सुषमा शर्मा को “राकेट, मिसाइल और भारत” पुस्तक के लिए सम्मानित किया गया।
–समाजसेवा के क्षेत्र में सारथी संस्था की कल्पना पाण्डेय को और
–शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु डा. नेहा को सम्मानित किया गया… –प्रदीप गुप्ता सी.ए. और शुभा दिवेदी को भी सम्मानित किया गया…
कार्यक्रम के अंतिम पड़ाव में सभी मंचासीन अतिथियों को प्रतीक चिन्ह व शाल औढ़ाकर सम्मानित किया गया।
संचालन डा. नेहा, बरखा शर्मा और निदेशक हेमन्त शर्मा ने किया।
अन्त में उत्कर्ष प्रकाशन के निदेशक हेमन्त शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया।
उत्कर्ष प्रकाशन के चेयरमैन एस.के. शर्मा, निदेशक हेमन्त शर्मा, उपनिदेशक अक्षय शर्मा, सह-निदेशक नितिन शर्मा आदि आयोजकों के अलावा इस मौके पर सैकड़ों साहित्यकार बन्धु उपस्थित रहे।