ब्रिटेन में कोरोना के 2 हजार केस रोज मिलने के बाद ही शुरू हुई टेस्ट-ट्रेसिंग

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(www.arya-tv.com)कोरोना महामारी से निपटने के लिए ब्रिटेन सरकार ने कई बड़ी गलतियां कीं। पहली सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, इन गलतियों में सुधार की जरूरत है। जिससे विकट हालात से निपटा जा सके। 150 पेज की इस रिपोर्ट में उजागर हुआ है कि ब्रिटेन में जब रोज दो हजार संक्रमण के मामले सामने आए, तभी टेस्ट और ट्रेसिंग शुरू की गई। ब्रिटेन ने अन्य देशों के मुकाबले में कोरोना बचाव के समुचित उपाए नहीं किए। ब्रिटेन में कोरोना से अब तक डेढ़ लाख लोगों की मौत हो चुकी है।

ब्रिटेन की पांच बड़ी गलतियां, जिनसे संकट बढ़ा

  • कमेटी की सिफारिश के बावजूद लॉकडाउन लगाने में दो माह की देरी की गई। फैसला करने में पीएम जॉनसन ने कोताही बरती।
  • सामाजिक सुरक्षा योजना को वंचितों तक लागू नहीं किया गया। इसके चलते कई लोगों की कोरोना संक्रमण के कारण मौत हुई।
  • दूसरे देशों खासकर दक्षिण पूर्व एशिया के समान िब्रटेन में टेस्टिंग और ट्रेसिंग पर ज्यादा जोर नहीं दिया गया। इससे संक्रमण फैला।
  • शुरुआती दौर में हर्ड इम्युनिटी के बारे में इंतजार किया गया। लेकिन इसे पाया नहीं जा सका। इससे गलत अवधारणा पैदा हुई।
  • सरकारी विभागों में भी समन्वय का अभाव रहा। नस्लीय आधार भेदभाव। अश्वेत और एशियाई क्षेत्रों में कम चिकित्सा सुविधाएं।

एक बड़ी उपलब्धि भी
सरकारी रिपोर्ट में कहा गया है कि काेरोना से बचाव के लिए ब्रिटेन में वैक्सीन अभियान काफी सफल रहा। इससे ब्रिटेन में कई लोगों के जीवन को बचाया जा सका।