(www.arya-tv.com) चुनाव आयोग ने गुरुवार को NCP अध्यक्ष शरद पवार के गुट को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस महाराष्ट्र के डिप्टी CM अजित पवार की ओर से दायर याचिका पर जारी किया गया है। आयोग ने NCP पार्टी को लेकर शरद पवार से अपना पक्ष रखने के लिए कहा है।
दरअसल, अजित पवार ने 30 जून को 40 विधायकों, विधानपार्षदों और सांसदों के समर्थन के साथ NCP के नाम और सिंबल पर दावा किया था। उन्होंने सभी विधायकों के दस्तखत वाले हलफनामे चुनाव आयोग को सौंपे थे। उन्होंने आयोग से दावा किया था कि असली NCP वही हैं।
शिंदे सरकार में शामिल हुए और डिप्टी सीएम पद की शपथ ली
2 जुलाई को अपने चाचा शरद पवार को छोड़कर अजित पवार महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल हो गए और उन्होंने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। इसके अलावा 8 अन्य विधायकों छगन भुजबल, धनंजय मुंडे, अनिल पाटिल, दिलीप वलसे पाटिल, धर्मराव अत्राम, संजय बनसोड़े, अदिति तटकरे और हसन मुश्रीफ ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी। NCP के 9 मंत्रियों को मिलाकर महाराष्ट्र में अब 29 कैबिनेट मंत्री हो गए।
निलंबित करने के लिए याचिका की दायर
NCP संस्थापक शरद पवार गुट ने उन 9 विधायकों को अस्थायी तौर पर निलंबित करने की मांग की है, जिन्होंने अजित पवार का समर्थन किया है और शिंदे-फडणवीस सरकार में मंत्री पद की शपथ ली है। इन विधायकों के खिलाफ NCP विधायक और ग्रुप लीडर जयंत पाटिल ने विधानसभा स्पीकर हाउस में याचिका दायर की है। याचिका में मांग की गई है कि इन विधायकों को अस्थायी तौर पर निलंबित करने की कार्रवाई की जाए।अजित पवार ने नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी यानी NCP और उसके चुनाव चिन्ह पर अपना दावा जताते हुए याचिका दाखिल की है। चुनाव आयोग ने कुछ महीने पहले जिस गणित से एकनाथ शिंदे को शिवसेना सौंपी थी, उस हिसाब से देखें तो NCP अजित पवार को ही मिलेगी।