बीसीए और बीटेक में क्या अंतर है? सिलेबस से लेकर नौकरी के अवसर और सैलरी तक में जानें फर्क

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(www.arya-tv.com)  (BCA vs BTech CS). 12वीं के बाद सही करियर ऑप्शन चुनना आसान नहीं होता है. इसके लिए 12वीं के अपने विषयों के साथ ही रुचि, नौकरी के अवसर और भविष्य में स्कोप यानी सैलरी जैसे कई फैक्टर्स को ध्यान में रखना जरूरी है. कंप्यूटर साइंस में इंटरेस्ट रखने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स 12वीं के बाद बीसीए और बीटेक सीएस के बीच में कंफ्यूज रहते हैं. देखा जाए तो दोनों ही कोर्स कंप्यूटर साइंस से जुड़े हुए हैं लेकिन दोनों में कई बड़े अंतर हैं

बीसीए का फुल फॉर्म बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन है. वहीं, बीटेक का फुल फॉर्म बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी है. दोनों कोर्स अपने आप में काफी खास हैं. लेकिन बीटेक की तुलना में बीसीए कोर्स में आसानी से एडमिशन मिल जाता है. कुछ ही कॉलेज बीसीए में एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम आयोजित करवाते हैं. ज्यादातर कॉलेज में 12वीं बोर्ड रिजल्ट के आधार पर एडमिशन मिल जाता है. हालांकि बीटेक में ऐसा नहीं होता है. टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिले के लिए एंट्रेंस एग्जाम पास करना जरूरी है.

बीसीए (बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन) और बीटेक (बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी) में 10 फर्क:
1. बीसीए वर्सेस बीटेक सिलेबस
– बीसीए सिलेबस: कंप्यूटर एप्लीकेशन, प्रोग्रामिंग, डेटाबेस, नेटवर्किंग.
– बीटेक सिलेबस: कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल, सिविल आदि विभिन्न इंजीनियरिंग शाखाएं.

2. बीसीए वर्सेस बीटेक कोर्स अवधि
– बीसीए की अवधि: 3 साल
– बीटेक की अवधि: 4 साल

3. बीसीए वर्सेस बीटेक प्रवेश प्रक्रिया
– बीसीए एडमिशन: मेरिट के आधार पर
– बीटेक एडमिशन: जेईई मेन, जेईई एडवांस्ड, स्टेट इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाएं

4. बीसीए वर्सेस बीटेक शैक्षिक योग्यता
– बीसीए कोर्स: 12वीं पास, गणित/कंप्यूटर विषय
– बीटेक कोर्स: 12वीं पास, विज्ञान और गणित विषय

5. बीसीए वर्सेस बीटेक करियर विकल्प
– बीसीए करियर ऑप्शन: सॉफ्टवेयर डेवलपर, डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर
– बीटेक करियर ऑप्शन: सॉफ्टवेयर इंजीनियर, हार्डवेयर इंजीनियर, रिसर्चर

6. बीसीए वर्सेस बीटेक सैलरी
– बीसीए सैलरी: 3-6 लाख रुपये सालाना
– बीटेक सैलरी: 6-15 लाख रुपये सालाना

7. बीसीए वर्सेस बीटेक कोर्स में क्या पढ़ाते हैं
– बीसीए: कंप्यूटर एप्लीकेशन
– बीटेक सीएसई: कंप्यूटर साइंस को ज्यादा गहराई से पढ़ाते हैं

8. बीसीए वर्सेस बीटेक प्रोजेक्ट वर्क
– बीसीए: छोटे प्रोजेक्ट
– बीटेक: बड़े और जटिल प्रोजेक्ट

9. बीसीए वर्सेस बीटेक थ्योरी और प्रैक्टिकल
– बीसीए: थ्योरी और प्रैक्टिकल का संतुलन
– बीटेक: प्रैक्टिकल और ट्रेनिंग पर ज्यादा फोकस

10. बीसीए वर्सेस बीटेक के बाद क्या करें
– बीसीए के बाद क्या करें: एमसीए, एमटेक
– बीटेक के बाद क्या करें: एमटेक, पीएचडी