- डॉ.राजेश्वर सिंह के पत्र ने नगर विकास विभाग में मचा तहलका!
- मुख्यमंत्री को पत्र देने के बाद शहर की महापौर भी तुरंत मुख्यमंत्री से मिलने पहुंची
- शहर के पार्षद भी इस जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते
- पार्षद और अभियंताओं के तालमेल से ही वार्ड के कार्य होते हैं
सरोजिनी नगर के विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने लखनऊ नगर विकास विभाग पर अपने पत्र के माध्यम से कहा है कि लखनऊ में थोड़ी सी ही बारिश होने पर अगर बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो जा रही है तो ऐसी स्थिति में नगर निगम और संबंधित अन्य विभागों की भूमिका तय होनी चाहिए। श्री सिंह ने के इस पत्र ने नगर निगम की वास्तविक स्थिति को उजागर करके रख दिया है पर ध्यान देने वाली बात तो यह है की ऐसी स्थिति हुई तो क्यों हुई क्या सिर्फ सरकार में बैठे आला अधिकारी ही इसके लिए जिम्मेदार हैं या इसकी जिम्मेदारी शहर की महापौर की है या इसकी जिम्मेदारी अपने एसी कमरों से बाहर न निकलने वाले अभियंताओं की है या इसकी जिम्मेदारी लखनऊ में निर्वाचित होकर गए 110 पार्षदों की है या लखनऊ के विधायकों की है यह किसकी जिम्मेदारी है यही जांच का विषय है अगर इस मुद्दे पर गौर किया जाए तो इसकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ उन आला अधिकारियों की है जो मौके पर पहुंच नहीं पाते हैं जहां पर भी विकास कार्य हो रहा है उन जगहों पर सिर्फ सिर्फ रोड बना दी जाती है नाली का ध्यान नहीं रखा जाता है और इस बात पर पार्षद को भी कोई एतराज नहीं होता डॉक्टर राजेश्वर सिंह ने इस मुद्दे को प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के सामने रखा।
विधायक ने पत्र में कहा है कि लखनऊ नगर निगम एवं नगर विकास विभाग की लापरवाही के कारण नागरिकों को हर वर्ष भारी जलभराव और अव्यवस्था का सामना करना पड़ता है। हाल ही में हुई बारिश ने एक बार फिर इन विभागों की अक्षमता को उजागर कर दिया।
- नालियों की दुर्दशा – अधिकांश नालियाँ जाम या अतिक्रमण से बाधित हैं। मानसून पूर्व नियमित सफाई नहीं होती।
- सड़कों की खस्ताहाली – करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद पहली ही बारिश में नई बनी और हाल ही में मरम्मत की गई सड़कों पर गड्ढे उभर आते हैं।
- बार-बार जलभराव वाले क्षेत्र – आलमबाग, राजाजीपुरम, चारबाग, इन्दिरानगर, गोमतीनगर विस्तार, हजरतगंज और सरोजनी नगर जैसे क्षेत्रों में हर वर्ष बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं।
- जवाबदेही का अभाव – नगर निगम व नगर विकास विभाग के अभियंताओं/अधिकारियों की कोई जिम्मेदारी तय नहीं होती, जिससे लापरवाही लगातार बनी रहती है।
विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि:
- नगर निगम और नगर विकास विभाग की कार्यप्रणाली की गहन समीक्षा हो।
जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए। - जलभराव, सड़क मरम्मत और ड्रेनेज व्यवस्था के स्थायी समाधान के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाए।