- करतारपुर साहिब के लिए सरोजनी नगर के 41 सिख श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना, विदा करने एयरपोर्ट पर जमा हुआ हुजूम
- अमृतसर में सरोजनीनगर के दर्शनार्थियों का भव्य स्वागत, स्वर्ण मंदिर में अरदास, सरोजनीनगर में सर्व कल्याण की कामना
लखनऊ। अनंत आस्था और ऐतिहासिक भव्यता के साथ सरोजनीनगर की बहुप्रतीक्षित अमृतसर-करतारपुर दर्शन यात्रा की शुरुआत हुई। सोमवार को 41 सिख श्रद्धालुओं का पहला जत्था, करतारपुर साहिब की पावन यात्रा के लिए रवाना हुआ। तीर्थ यात्रा पर निकले भक्तों को विदा करने के लिए सुबह 5 बजे से ही समर्थकों और श्रद्धालुओं का हुजूम अमौसी एयरपोर्ट पर उमड़ने लगा। विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह की ओर से सभी तीर्थयात्रियों की ओर से सभी तीर्थ यात्रियों का अभिनन्दन करते और गलमयी यात्रा की शुभकामनाएं देते हुए पटका और माला पहनाकर यात्रियों को रवाना किया गया।
इस ऐतिहासिक यात्रा की हर छोटी-बड़ी तैयारी विधायक डॉ. सिंह के निर्देशन में हुई, ताकि श्रद्धालु निश्चिंत होकर अपने आध्यात्मिक पथ पर अग्रसर हो सकें। अमृतसर और करतारपुर में दर्शन व्यवस्था, ठहरने की सुविधा और संपूर्ण यात्रा के हर पहलू को विधायक की टीम ने बारीकी से सुनिश्चित किया। श्रद्धालुओं की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखते हुए विधायक टीम के वालंटियर्स भी पूरे समय उनके साथ रहेंगे।
सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह की यह पहल केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि आस्था, परंपरा और संस्कृति के संरक्षण का संकल्प है। इससे पहले भी वे 37 रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा का आयोजन कर 5,000 से अधिक श्रद्धालुओं को अयोध्या और नैमिषारण्य धाम के दर्शन करा चुके हैं। उनका स्पष्ट मानना है कि धार्मिक यात्राएँ केवल आस्था का सम्मान ही नहीं, बल्कि समाज में संस्कार और सद्भाव को भी सुदृढ़ करती हैं। इसी भाव से रामरथ हो या करतारपुर यात्रा, यह पुण्य कार्य अनवरत जारी रहेगा।
- अमृतसर में ढोल नगाड़ों के साथ भव्य स्वागत – स्वर्ण मंदिर में अरदास :
अमृतसर एयरपोर्ट पर सरोजनीनगर के श्रद्धालुओं का ढोल-नगाड़ों के साथ भव्य स्वागत किया गया। उत्साह और श्रद्धा से ओत-प्रोत सभी यात्रियों ने विधायक डॉ. सिंह द्वारा की गई व्यवस्था को लेकर अपार संतोष और हर्ष व्यक्त किया। संक्षिप्त विश्राम के बाद श्री हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) पहुंचकर दर्शन किए और “नानक नाम चढ़दी कला, तेरे भाणे सरबत दा भला!” की पावन अरदास के साथ सरोजनीनगर के सर्वांगीण विकास, समृद्धि और कल्याण की कामना की।
- अटारी बॉर्डर पर देशभक्ति का जोश, करतारपुर दर्शन की तैयारी :
श्रद्धालुओं ने अटारी बॉर्डर पहुंचकर भारतीय सैनिकों द्वारा प्रस्तुत बीटिंग रिट्रीट समारोह का दिव्य अनुभव लिया। देशभक्ति की भावना से सराबोर इस पल में, जब तिरंगा ऊंचा लहराया, तो सभी की आंखों में गर्व की चमक स्पष्ट दिखी। मंगलवार सुबह श्रद्धालुओं का जत्था अटारी-वाघा बॉर्डर पार कर करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए आगे बढ़ेगा। करतारपुर साहिब वह पावन धरा है, जहाँ गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष व्यतीत किए। दुर्भाग्यवश, 1947 के विभाजन के बाद यह तीर्थस्थल भारत से अलग हो गया, जिससे श्रद्धालुओं के लिए दर्शन करना अत्यंत कठिन हो गया था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर नवंबर 2019 में ‘करतारपुर कॉरिडोर’ का शुभारंभ हुआ, जिससे अब सिख श्रद्धालु अपने आस्था केंद्र में नमन कर सकते हैं।