अयोध्या में राम मंदिर तो बन गया, पर मस्जिद का क्या हुआ? कहां तक पहुंचा काम

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(www.arya-tv.com) अयोध्या में दशकों पुराना विवाद खत्म हो गया है. भव्य राम मंदिर में रामलला विराज चुके हैं और रामभक्त अपने आराध्य श्रीराम का दर्शन कर रहे हैं. अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से रामभक्त खुश हैं और लगातार मंदिर परिसर में भक्तों का तांता लगा रहता है. अब सवाल उठता है कि अयोध्या में राम मंदिर तो बन गया, मगर बाबरी के बदले बनने वाली उस मस्जिद का क्या हुआ, जिसके निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट ने साल 2019 में आदेश दिया था. दरअसल, अयोध्या जिले के धन्नीपुर में बाबरी के बदले बनने वाली मस्जिद का नाम पैगंबर के नाम पर ‘मुहम्मद बिन अब्दुल्ला मस्जिद’ रख गया है.

धन्नीपुर में प्रस्तावित मस्जिद पर काम अब तक कागजों पर पूरा हो चुका है, मगर जमीन पर जल्द शुरू होगा. बताया जा रहा है कि रमजान के बाद मस्जिद की नींव रख दी जाएगी. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सीनियर अधिकारी की मानें तो अयोध्या में भव्य मस्जिद का निर्माण इसी साल मई से शुरू कर दिया जाएगा और इसे पूरा होने में तीन-चार साल लगने की उम्मीद है. बताया जा रहा है कि रमजान के बाद मई महीने में एक शुभ मुहूर्त देखकर मस्जिद की नींव रख दी जाएगी. हालांकि, अब तक तारीख को लेकर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.

कैसे होगा मस्जिद निर्माण?
अयोध्या में बनने वाली मस्जिद के प्रोजेक्ट की देखरेख कर रहे इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन की विकास समिति के प्रमुख हाजी अराफात शेख के मुताबिक, मस्जिद के लिए पैसे जुटाने के लिए एक क्राउड-फंडिंग वेबसाइट लॉन्च की जाएगी. बता दें कि राम मंदिर के लिए भी क्राउड फंडिंग हुई थी और रामभक्तों ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की वेबसाइट और बैंक अकाउंट के जरिए दान दिए.

आखिर मस्जिद बनाने में देरी क्यों
अयोध्या में राम मंदिर और मस्जिद को लेकर साल 2019 में एक ही वक्त में फैसला आया. अब सवाल उठता है कि अयोध्या में राम मंदिर बन गया, मगर मस्जिद की अब तक नींव भी क्यों नहीं रखी गई? इसे लेकर आईआईसीएफ यानी इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सचिव अतहर हुसैन ने बताया कि मस्जिद के निर्माण में इस कारण देरी हुई है, क्योंकि वे डिजाइन में और ज्यादा पारंपरिक तत्व जोड़ना चाहते हैं.