- “81% कंपनियाँ तलाश रही हैं कुशल युवा, लेकिन कुछ नेता बाँट रहे हैं जाति का ज़हर”: डॉ. राजेश्वर सिंह
- “भारत @2047 का सपना: कौशल, शिक्षा और डिजिटल सशक्तिकरण”: डॉ. राजेश्वर सिंह
- “डॉ. राजेश्वर सिंह का संदेश- जातिवाद न नौकरी देता है, न अवसर”
- “जातिवाद ज़हर है, कौशल शक्ति है—युवाओं को चाहिए नई दिशा”
- “युवा कौशल बढ़ाएँ, जातिवादी राजनीति को ठुकराएँ!”—डॉ. राजेश्वर सिंह
लखनऊ।”युवा कौशल बढ़ाएँ, जातिवादी राजनीति को ठुकराएँ!” यही संदेश देते हुए सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर युवाओं को भविष्य की चुनौतियों और अवसरों के प्रति जागरूक किया।
डॉ. सिंह ने कहा कि विकसित भारत @2047 का असली आधार हमारे युवा हैं। आज जब आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल टेक्नोलॉजी, मैन्युफैक्चरिंग, डिफ़ेंस और ग्रीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में लाखों अवसर मौजूद हैं, तब सबसे बड़ी चुनौती यह है कि उद्योगों को उपयुक्त कौशल से लैस युवा नहीं मिल रहे।
तथ्य इस संकट की गंभीरता को स्पष्ट करते हैं :
* EY–iMocha रिपोर्ट (2023) के अनुसार, 81% कंपनियाँ कहती हैं कि उनके पास टेक्निकल स्किल वाले कर्मचारी नहीं हैं।
* NSDC Skill Gap Study (2024) बताती है कि उच्च वृद्धि वाले क्षेत्रों में 2.9 करोड़ कुशल युवाओं की कमी है।
* TeamLease Digital Report (2024) के अनुसार, Generative AI में हर 10 नौकरियों के लिए केवल 1 इंजीनियर उपलब्ध है।
* India Skills Report (2025) में सामने आया है कि भारत के केवल 42–50% ग्रेजुएट्स ही तकनीकी क्षेत्रों में रोजगार योग्य हैं।
* TOI (2024) की रिपोर्ट बताती है कि PMKVY के तहत प्रशिक्षित 1.6 करोड़ युवाओं में केवल 15% को ही रोजगार मिला।
डॉ. सिंह ने कहा कि ये आँकड़े चेतावनी की घंटी हैं और युवाओं को स्पष्ट संदेश देते हैं—“अपने कौशल बढ़ाइए, एआई और डिजिटल टूल्स अपनाइए, और उद्योग की ज़रूरतों के अनुसार खुद को तैयार कीजिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि जब देश को कुशल युवाओं की सबसे अधिक आवश्यकता है, तब कुछ नेता केवल जाति की खोखली राजनीति कर रहे हैं। “जातिवाद न नौकरी देता है, न अवसर। यह सिर्फ़ युवाओं की ऊर्जा और भविष्य को नष्ट करता है। असली सशक्तिकरण जातीय अंकगणित से नहीं, बल्कि विश्वस्तरीय शिक्षा, डिजिटल सशक्तिकरण और कौशल विकास से होता है।”
डॉ. सिंह ने दो टूक कहा कि यदि भारत की 65% युवा आबादी कौशलवान और एकजुट बन जाए, तो दुनिया की कोई ताक़त हमें विकसित भारत बनने से नहीं रोक सकती।
अपने संदेश के अंत में उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा : “जातिवाद ज़हर है, कौशल शक्ति है। शिक्षा, तकनीक और एकता को अपनाकर ही हम भारत को मज़बूत और समृद्ध बना सकते हैं।”