(www.arya-tv.com) मेरठ में किसान मजदूर संगठन के प्रतिनिधिमंडल और जिलाधिकारी के. बालाजी के बीच हुई बातचीत बेनतीजा रही। किसानों ने कहा कि मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद ही वह धरनास्थल से उठेंगे। बुधवार को शहर के विभिन्न मार्गों से किसान पैदल मार्च निकालेंगे। किसानों के मार्च में ट्रैक्टर भी शामिल होंगे। अध्यक्ष ठाकुर पूरन सिंह ने कहा कि किसान अपना हक मांगने के लिए घर से निकले हैं।
किसान मजदूर संगठन के कार्यकर्ताओं ने 20 सूत्रीय मांगों को लेकर सहारनपुर से दिल्ली राजघाट के लिए किसान-मजदूर अधिकार पदयात्रा शुरू की थी। मेरठ पहुंचते ही किसानों ने पदयात्रा स्थगित कर चौधरी चरण सिंह पार्क में डेरा डालकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। सोमवार रात एडीएम और एसपी सिटी किसानों के बीच पहुंचे और बातचीत की।
इसके बाद संगठन के प्रतिनिधिमंडल में शामिल राष्ट्रीय प्रवक्ता ललित राणा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनु मलिक और जिलाध्यक्ष देवराज पुंडीर ने कैंप कार्यालय पहुंचकर जिलाधिकारी के. बालाजी से मुलाकात की। किसान प्रतिनिधियों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात का समय निश्चित कराने की मांग की। यह भी कहा कि जब तक सीएम से मुलाकात का समय तय नहीं होगा, तब तक धरना खत्म नहीं किया जाएगा। काफी देर तक बातचीत बेनतीजा रही और प्रतिनिधिमंडल वापस लौट गया।
वहीं मंगलवार को पुलिस-प्रशासन के अधिकारी धरने पर किसानों के बीच पहुंचे, लेकिन किसानों ने बातचीत नहीं की। संगठन अध्यक्ष ठाकुर पूरन सिंह ने कहा कि सीएम से वार्ता कर किसान सीधे अपनी मांगों से अवगत कराना चाहते हैं। जिला प्रशासन इसमें किसानों की मदद करें। किसान बुधवार को मेरठ शहर में पदयात्रा निकालेंगे।
इन मार्गों से गुजरेंगे किसान, लग सकता है जाम
किसान मजदूर संगठन की पदयात्रा सुबह 11 बजे चौधरी चरण सिंह पार्क से जीरो माइल्स, बेगमपुल, गढ़ रोड, बच्चा पार्क, हापुड़ अड्डा, सोहराब गेट, आयकर विभाग, जेल चुंगी, मोहनपुरी नाला रोड से वापस धरना स्थल पर आएंगे। लंबी पदयात्रा होने के चलते शहरवासियों को जाम से भी जूझना पड़ सकता है। संगठन उपाध्यक्ष अनु मलिक और प्रवक्ता ललित राणा ने बताया कि किसान व्यापारियों और शहरवासियों को मांगपत्र भी बांटेंगे। किसानों की इस पदयात्रा में ट्रैक्टर भी शामिल होंगे।
नागरिकों को परेशान करने का मकसद नहीं
पूरन सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर पूरन सिंह ने कहा कि पदयात्रा कहीं भी बीच में नहीं रुकेगी। किसानों का शहरवासियों को परेशान करने का मकसद नहीं है। किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत है, लेकिन शासन और प्रशासन तानाशाही रवैया अपनाए हुए हैं। प्रशासन मुख्यमंत्री से समय दिलाने का काम करें।
ये हैं संगठन की प्रमुख मांगे
- किसानों का संपूर्ण ऋण माफ किया जाए
- गन्ने का मूल्य 450 रुपये प्रति क्विंटल
- किसानों को सिंचाई के लिए बिजली फ्री
- न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गारंटी मिले
- बुजुर्ग किसानों को छह हजार पेंशन मिले
- पश्चिमी यूपी में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना
- बागपत चीनी मिल का दोहरीकरण
- एकसमान शिक्षा पद्धति
- प्रत्येक गांव में होना चाहिए खेल मैदान