प्रियंका गांधी से मिले राजस्थान के बेरोजगार युवा:कम्प्यूटर शिक्षक भर्ती को संविदा के बजाए नियमित करने की मांग

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(www.arya-tv.com)कम्प्यूटर शिक्षकों के पद पर नियमित भर्ती करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों का एक प्रतिनिधि मंडल आज कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी से मिला। 3 सदस्य प्रतिनिधि मंडल की मुलाकात राष्ट्रीय सचिव जुबेर खान एवं धीरज गुर्जर ने करवाई। इस मुलाकात में प्रियंका ने उनकी समस्या को सुना। प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि सरकार ने पहले ने भर्ती नियमित निकालने की घोषणा की थी, लेकिन अब इन भर्तियों को संविदा पर करने जा रही है। इस पर प्रियंका गांधी ने राष्ट्रीय सचिव जुबेर खान को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से प्रतिनिधि मंडल की वार्ता करवाकर जल्द समस्या का निस्तारण करवाने के निर्देश दिए। प्रतिनिधि मंडल में राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव भी मौजूद रहे।

दो दिन पहले लखनऊ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने की थी मारपीट

दो दिन पहले शुक्रवार को स्थायी भर्ती की मांग को लेकर प्रियंका गांधी से मिलने लखनऊ पहुंचे बेरोजगार कंप्यूटर शिक्षकों के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मारपीट की थी। ये मामला राष्ट्रीय स्तर पर गरमा गया था। शिक्षकों ने यूपी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में हुई मारपीट का आरोप लगाते हुए वीडियो जारी किया था। राजस्थान बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कांग्रेस सरकार को आड़े हाथ लिया था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस ने सरकार में आने से पहले बेरोजगारों से बड़े-बड़े वादे किए। सत्ता में आने पर नई भर्तियां निकालने और रोजगार देने के वादे किए। संविदा कर्मियों को भी नियमित करने का वादा किया। अब राजस्थान के बेरोजगार युवाओं पर कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हमला कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी को इस पूरे घटनाक्रम के लिए माफी मांगनी चाहिए और बेरोजगारों की जो मांग है, उसका तत्काल समाधान करना चाहिए।

ये है पूरा मामला

राजस्थान में संविदा पर कम्प्यूटर शिक्षक भर्ती किए जाने के विरोध में दिल्ली में बेरोजगार युवाओं का पिछले 20-25 दिनों से प्रदर्शन चल रहा था। बेरोजगार महासंघ ने कांग्रेस सरकार को 15 जुलाई तक मांगे मानने का समय दिया है। इसके बाद उन्होंने उत्तरप्रदेश में कांग्रेस महासचिव प्रियंका के दौरे में पहुंच कर विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी थी। प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि राजस्थान सरकार ने एक महीने पहले ही कम्प्यूटर शिक्षक बनाने का फैसला लिया था। इसके बाद 10,453 पदोें पर संविदा के आधार पर भर्ती को मंजूरी दे दी। इसी निर्णय का अभ्यर्थी लंबे समय से विरोध कर रहे है।