उन्नाव के चर्चित माखी कांड में दुष्कर्म की पैरवी करने वाले अधिवक्ता की मौत

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उन्नाव।(www.arya-tv.com)  उन्नाव के चर्चित माखी कांड में दुष्कर्म पीड़िता के केस की पैरवी कर रहे अधिवक्ता की अस्पताल में लंबे इलाज के बाद मौत हो गई। वह रायबरेली में हुए हादसे में घायल हुए थे और करीब 16 माह से वह बिस्तर पर ही थे। रायबरेली कार दुर्घटना में 28 जुलाई 2019 को दुष्कर्म पीड़िता और पीड़िता के वकील महेंद्र सिंह गंभीर रूप से घायल थे। महेंद्र सिंह एम्स में कोमा में थे।

इसी मामले में पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह तिहाड़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। उन्नाव के माखी में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सिंगर के खिलाफ दर्ज दुष्कर्म के मकदमे में वादी पक्ष के अधिवक्ता महेंद्र सिंह की सोमवार को जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।

28 जुलाई 2019 को पीड़िता के रायबरेली जेल में बंद चाचा से मिलने जाते समय कार एक्सीडेंट में वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। वह करीब 16 माह से बिस्तर पर थे और उनका उपचार चल रहा था। अचानक हालत बिगड़ने पर उन्हें गांव से जिला अस्पताल लाया गया था।

उनकी मौत होने से मामले में नया मोड़ आने की संभावना है। उन्नाव के माखी के चर्चित दुष्कर्म कांड में आरोपित पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ अधिवक्ता महेंद्र सिंह ने अदालत में केस की पैरवी शुरू की थी। इस दौरान 28 अगस्त 2019 को पीड़िता रायबरेली चाचा से मिलने कार से जा रही थी। कार में उनके साथ अधिवक्ता महेंद्र सिंह, चाची और मौसी भी सवार थे।

रायबरेली के पास ट्रक ने कार में सामने से टक्कर मार दी थी। कार में सवार चाची और मौसी की मौत हो गई थी, जबकि पीड़िता और अधिवक्ता गंभीर रूप से जख्मी हो गए था। घायल अधिवक्ता का लंबे समय तक उपचार चला था। कुछ दिन पहले उन्हें घर भेज दिया गया था।

अचानक हलात बिगड़ने पर अधिवक्ता महेंद्र सिंह को फिर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्नाव के माखी में रहने वाली युवती ने 4 जून 2017 को नौकरी देने के नाम पर विधायक कुलदीप सेंगर, उनके भाई व साथियों पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था।

हाईप्रोफाइल यह केस काफी सुर्खियों में रहा था। भाजपा ने कुलदीप सेंगर को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। वहीं प्रकरण की जांच सीबीआइ को सौंप दी गई थी। सीबीआइ ने आरोपित कुलदीप सेंगर को गिरफ्तार किया था।  रायबरेली में हादसे के बाद सुप्रीम कोर्ट में प्रकरण का संज्ञान लेकर मामलों की सुनवाई दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में कराने का आदेश दिया था। कोर्ट में सुनवाई के बाद पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर को कैद की सजा सुनाई गई थी।

कोर्ट के आदेश पर आरोपित कुलदीप सेंगर को तिहाड़ जेल शिफ्ट किया गया था। सजा सुनाए जाने के बाद कुलदीप सेंगर की विधानसभा की सदस्यता समाप्त कर दी गई थी।