लखनऊ में BA की छात्रा की हत्या:सुबह मां के साथ घर से निकली थी, 2 घंटे बाद खेत में मिली लाश

# ## Lucknow

(www.arya-tv.com)  लखनऊ के नगराम इलाके में एक छात्रा का शव खेतों में मिला है। छात्रा सुबह शौच के लिए अपनी मां और बहन के साथ निकली थी, लेकिन घने कोहरे की वजह से सभी एक दूसरे से आगे पीछे हो गए। मां और छोटी बहन घर लौट आईं, लेकिन छात्रा नहीं लौटी। करीब 2 घंटे इंतजार के बाद परिजनों ने तलाश शुरू की तो पिता को गांव के बाहर बाग के पास खेत में शव पड़ा मिला। उसके कपड़े कीचड़ से सने हुए थे।

छात्रा BA में पढ़ती थी। मामला असली गढ़ी गांव का है। घटनास्थल पर पहुंचे डीसीपी साउथ, राहुल राज ने बताया कि आज सुबह 20 साल की छात्रा का शव गांव से मिला है। उसके शरीर पर चोट के निशान नहीं हैं। पिता की तहरीर पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।

छात्रा की चप्पल गायब
असली गढ़ी गांव में रहने वाले रामजीत यादव ने बताया कि बड़ी बेटी नैंसी (20) मंगलवार सुबह करीब 6 बजे मां और छोटी बहन के साथ घर से करीब 500 मीटर दूर अपनी बाग की तरफ शौच के लिए गई थी। बेटी के पैरों की चप्पल गायब है, पानी का डिब्बा भी नहीं मिला। मेरी बेटी की हत्या की गई है। बचने के लिए उसने संघर्ष किया है, क्योंकि उसके कपड़ों पर कीचड़ लगा है।

मां बोली- अंधेरे और कोहरे में हम आगे-पीछे हो गए
मां के मुताबिक नैंसी सबसे आगे चल रही थी। उसके पीछे मैं अपनी छोटी बेटी के साथ थी। घने कोहरे और अंधेरे के कारण नैंसी काफी आगे निकल गई तो हम लोग पीछे ही रुक गए। उसके बाद हम लोग घर लौट आए, लेकिन नैंसी नहीं आई। हमें लगा वो दूर गई थी तो कुछ देर में लौट आएगी। करीब साढ़े 8 बजे तक जब नैंसी नहीं लौटी तो परिवार के लोगों ने तलाश शुरू की।

पिता बोला- बेटी की हत्या कर फेंका गया शव
रामजीत के मुताबिक, मैं बेटी को खोजते हुए बाग की ओर गया तो देखा की गेहूं के खेत में बेटी की लाश पड़ी हुई है। उसके कपड़े कीचड़ से सने हुए थे। जबकि आस-पास कहीं भी खेतों में पानी नहीं लगा था। ऐसा लग रहा था कि बेटी की हत्या कहीं और की गई और यहां बाग के पास उसकी लाश फेंकी गई है।

मृतक नैंसी यादव मोहनलाल गंज के महेश प्रसाद डिग्री कॉलेज में बीए सेकंड इयर की छात्रा थी। नैंसी अपने माता-पिता की सबसे बड़ी बेटी थी। नैंसी की तीन छोटी बहनें निशी, मानसी, शिवांशी और एक भाई शिवम है। इसी डिग्री कॉलेज में नैंसी के साथ उसकी छोटी बहन निशी भी बीए फर्स्ट ईयर में पढ़ती है। पिता किसान हैं। खेती बाड़ी कर घर का खर्च चलाते हैं।