बादशाह मसाले में 51% हिस्सेदारी खरीदेगा डाबर

# ## Business

(www.arya-tv.com)  डाबर इंडिया लिमिटेड ने बादशाह मसाला प्राइवेट लिमिटेड में मेजोरिटी स्टेक हासिल करने के लिए एग्रीमेंट साइन किया है। ये डील 587.52 करोड़ रुपए की है। एक्सचेंज फाइलिंग में कहा गया है कि डाबर इंडिया, बादशाह में 51% हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर रही है और शेष 49% को पांच साल की अवधि में खरीदने का प्लान है। डाबर ने कहा कि बादशाह की एंटरप्राइज वैल्यू 1152 करोड़ रुपए आंकी गई है।

यह अधिग्रहण डाबर के तीन साल में अपने फूड बिजनेस को 500 करोड़ रुपए तक बढ़ाने और नई कैटेगरी में विस्तार करने के प्लान के अनुरूप है। इस अधिग्रहण से डाबर की भारत के 25,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के ब्रांडेड मसालों के बाजार में एंट्री होगी।

डाबर की ग्रोथ स्ट्रैटजी में तेजी आएगी
डाबर इंडिया के चेयरमैन मोहित बर्मन ने कहा, “इस अधिग्रहण से हमारी ग्रोथ स्ट्रैटजी में तेजी आएगी क्योंकि हम अपने फूड बिजनेस को बिल्ड करना जारी रखेंगे।” डाबर के डायरेक्टर पी. डी. नारंग ने कहा कि ट्रांजैक्शन इस वित्तीय वर्ष के भीतर पूरा होने की उम्मीद है। इससे पहले कंपनी ने सितंबर को समाप्त तिमाही में 4.9 अरब रुपए का नेट प्रॉफिट और 2.5 रुपए प्रति शेयर के अंतरिम डिविडेंड की घोषणा की थी।

डाबर के साथ साझेदारी से खुश
बादशाह मसाला के मैनेजिंग डायरेक्टर हेमंत झावेरी ने कहा, ”हम डाबर के साथ रणनीतिक साझेदारी में प्रवेश करके खुश हैं। डाबर के साथ हाथ मिलाने से बादशाह की फ्यूचर ग्रोथ को एक मजबूत ट्रैजेक्टरी पर चलाने में मदद मिलेगी। यह लेन-देन हमें अपने उत्पादों को डाबर के बड़े पोर्टफोलियो में जोड़कर हमारी ग्रोथ में तेजी लाने में सक्षम करेगा।”

1958 में हुई थी बादशाह मसाला की शुरुआत
बादशाह मसाला की शुरुआत 1958 में हुई थी जब जवाहरलाल जमनादास झावेरी ने साइकिल पर सवार होकर गरम मसाला और चाय मसाला बेचना शुरू किया था। मसाला जल्दी लोकप्रिय हो गया और जवाहरलाल जमनादास ने इसके बाद मुंबई के घाटकोपर में एक छोटी यूनिट की स्थापना की, जिसे गुजरात के उम्बर्गों में 6,000 वर्ग फुट के बड़े कारखाने में अपग्रेड होने में देर नहीं लगी।

फिर, कंपनी ने पाव भाजी मसाला, चाट मसाला और चना मसाला पेश करने के लिए अपने प्रसाद का विस्तार किया। जवाहरलाल जमनादास ने 1996 तक सफलतापूर्वक व्यवसाय चलाया, लेकिन उनके आकस्मिक निधन के बाद, उनके बेटे हेमंत ने बागडोर संभाली। हेमंत के बिजनेस में शामिल होने के बाद, उनका सबसे महत्वपूर्ण कदम कंपनी की पहुंच बढ़ाना था।

20 से अधिक देशों में मसाले का निर्यात
उन्होंने अपनी पहुंच का विस्तार किया और आज बादशाह मसाला 20 से अधिक देशों में निर्यात किया जाता है। आज, सेल्स का एक तिहाई एक्सपोर्ट किया जाता है और बादशाह मसाला ने अंतरराष्ट्रीय मसाला बाजार में अपनी एक अलग जगह बना ली है। यह ब्रांड 450 के डिस्ट्रीब्यूटर नेटवर्क के साथ सुपरमार्केट, लोकल किराना स्टोरों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी प्रमुख शेल्फ स्थान रखता है।

एक छोटे व्यवसाय के रूप में शुरू किया गया मसाला आज एक बड़ी कंपनी बन गया है।