कांग्रेस इन उपचुनाव में भाजपा को ठीक ढंग से घेरने में दिख रही नाकाम, जनहितैषी मुद्दे भी उठाने में पीछे

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(www.arya-tv.com) प्रदेश में हो रहे खंडवा लोकसभा, जोबट, पृथ्वीपुर और रैगांव विधानसभा सीट के उपचुनाव में चुनाव प्रचार का आज अंतिम दिन है। चुनावी शोर थमते ही 30 अक्टूबर तक केवल खामोश प्रचार होगा। चुनाव अभियान में स्थिति यह है कि भाजपा ने बेहद आक्रामक अभियान चलाया जबकि कांग्रेस पूरी तरह सुरक्षात्मक रही। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरे तेवर में थे।

उन्होंने प्रत्येक चुनाव भी हथकंडे को अपनाया। चुनावी सभा, कार्यकर्ताओं की बैठक के अलावा मुख्यमंत्री ने दलितों और आदिवासियों के घर भोजन और रात्रि विश्राम जैसे तरीके भी अपनाए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन चारों उपचुनाव में जितनी मेहनत की उतनी उन्होंने पहले कभी नहीं की। कांग्रेस पर भी तीखे आक्रामण किए और कमलनाथ पर कोई भी प्रहार करने से नहीं चूके।

दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ पिछले साल वाली रंगत में बिल्कुल भी नहीं दिखे। पिछले वर्ष हुए 28 उपचुनाव में कमलनाथ खूब सक्रिय और गतिशील थे। वे लच्छेदार भाषा में जननायक की तरह भाषण देते थे उनकी सभाओं में भीड़ भी खूब उमड़ी थी लेकिन इस बार कमनलाथ पूरी तरह से फीके रहे।

उनकी रणनीति भी सुरक्षात्मक थी। कांग्रेस के पास इन चुनावों में अनेक ऐसे मुद्दे थे जिन पर वह भाजपा को परेशान कर सकती थी, लेकिन पार्टी ने ऐसा कुछ नहीं किया। नतीजे में सारा चुनाव व्यक्तिगत आरोप और प्रत्यारोप तक सिमट गया। चुनाव अधिसूचना के पहले कांग्रेस ने दमोह पैटर्न की खूब चर्चा की। कांग्रेस नेता बार-बार कहते थे कि इस बार भी वे दमेह पैटर्न से चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे लेकिन कांग्रेस का कथित दमोह पैटर्न इस बार कहीं नहीं दिखा।

उल्टे दलबदल के कारण वह हमेशा रक्षात्मक रही। भाजपा ने सत्ता में होने का पूरा लाभ उठाया और प्रत्येक क्षेत्र में दलबदल करवाकर कांग्रेस को रक्षात्मक कर दिया। जोबट में सुलोचना रावत के दल बदल से कांग्रेस उबर भी नहीं पाई थी कि खंडवा में सचिन बिरला के दल बदल ने उसे हैरान कर दिया। कुल मिलाकर कांग्रेस का चुनाव प्रचार अभियान पटरी पर कभी नहीं आ पाया।

इसके बावजूद पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर सकती है क्योंकि माहौल भाजपा के अनुकूल नहीं है। भाजपा ने अपनी रणनीति इस तरह से रखी कि कांग्रेस बुनियादी मुद्दे चुनाव में उठा ही नहीं पाई। इसके विपरीत कांग्रेस भाजपा के आक्रमण का जवाब ही देती रह गई। चुनाव अभियान में भाजपा पहले दिन से आगे थी और हमेशा आगे ही रही। इस बार भाजपा की एकजुटता भी नजर आई।

असंतुष्ट कहलाने वाले केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती पूरी तरह से मैदान में थे। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ ही पार्टी के हाईप्रोफाइल महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी भाजपा के अभियान को गति दी।

इसके विपरीत कांग्रेस का चुनाव अभियान बिखरा बिखरा नजर आया। कांग्रेस को अब सचिन पायलट की खंडवा लोकसभा क्षेत्र में तीन सभाएं रखी गई हैं। तीनों सभाएं गुर्जर बहुल क्षेत्र में होंगी। पार्टी को उम्मीद है कि इससे चुनाव की फिजा बदलेगी।
अनिल पुरोहित/अशफाक