भारत की डिजिटल स्ट्राइक से चीन परेशान:केंद्र सरकार ने बैन किए 54 मोबाइल ऐप्स

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(www.arya-tv.com) भारत में सुरक्षा कारणों से 54 मोबाइल चीनी ऐप्स पर पाबंदी लगाए जाने के बाद चीन ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। चीन ने भारत के इस फैसले पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत के इस फैसले के बाद कई चीनी कंपनियों के उनके अधिकारों और हितों को नुकसान पहुंचा है। इसके साथ ही चीन ने ये उम्मीद भी जताई है कि चीनी कंपनियों सहित सभी विदेशी निवेशकों के साथ भारत पारदर्शी, निष्‍पक्ष और बिना भेदभाव के काम करेगा।

भारत में इंवेस्ट के माहौल को लेकर काफी चिंतित
चीन के वाणिज्‍य मंत्रालय के प्रवक्‍ता गाओ फेंग ने भारत के इस कदम पर कहा, ‘भारतीय अधिकारियों ने हाल ही में चीनी कंपनियों और उसके उत्‍पादों पर रोक लगाने के कई उपाय किए हैं, जिसके कारण चीनी कंपनियों के वैध अधिकारों और हितों को काफी नुकसान पहुंचा है। यह देखने में आया है कि चीनी कंपनियों सहित विदेशी इंवेस्टर भी भारत में इंवेस्ट के माहौल को लेकर काफी चिंतित हैं। विदेशी इंवेस्टर ने भारत में रोजगार के काफी अवसर बनाए हैं और भारत के आर्थिक विकास में योगदान दिया है।’

वाणिज्‍य मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने अपने बयान में कहा कि चीन और भारत सिर्फ एक पड़ोसी देश ही नहीं बल्कि महत्‍वपूर्ण आर्थिक और व्‍यापारिक सहयोगी भी हैं। बता दें कि दोनों देशों के बीच 2021 में व्यापार 125.7 अरब डॉलर के करीब पहुंच।

 54 चीनी ऐप्स पर डिजिटल स्ट्राइक
भारत सरकार ने पिछले मंगलवार को चीन के ऊपर डिजिटल स्ट्राइक करते हुए 54 स्मार्टफोन ऐप्स को देश में बैन कर दिया था। इन सभी ऐप्स से भारत की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो रहा था। बैन किए गए ऐप्स में पॉपुलर गेम गरेना फ्री फायर और ऐपलॉक ऐप भी शामिल है। इससे पहले जून 2020 में भारत ने देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे कि टिकटॉक, वीचैट और हैलो सहित 59 चीनी मोबाइल ऐप्स को बैन किया था।

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इन सभी ऐप्स पर बैन लगाया 
भारत सरकार ने इसके पहले 29 जून 2020 को चाइनीज ऐप्स बैन किए थे। 29 जून 2020 को पहली डिजिटल स्ट्राइक करते हुए 59 ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बाद 27 जुलाई 2020 को 47, 2 दिसंबर 2020 को 118 और नवंबर 2020 को 43 ऐप्स पर बैन लगाए गए। अब 14 फरवरी 2022 को 54 ऐप्स पर बैन लगाया गया है। प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इन सभी ऐप्स पर बैन लगाया है।