मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ: बेहतर कानून व्यवस्था और विकास को चुनावी मुद्दों में रखा जाएगा सबसे ऊपर

Meerut Zone UP

(www.arya-tv.com) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बिजनौर की जनसभा में 30 मिनट धाराप्रवाह बोले। उनका संबोधन साढ़े चार साल के कार्यकाल की उपलब्धियों पर फोकस रहा। सीएम ने यह कहते हुए चुटकी ली कि हमने बिना भेदभाव विकास कराया है तो अब बगैर भेदभाव आपका समर्थन चाहिए। इस पर भीड़ ने योगी-योगी के नारे लगाकर उत्साहवर्धन किया। पूरे भाषण में योगी ने उपलब्धि के रूप में प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था को सबसे ऊपर रखा। योगी ने अनुसूचित जाति के लोगों को भी साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी। योगी भाषण में साफ कर गए कि चुनाव में बेहतर कानून व्यवस्था और विकास उनका मुद्दा रहेगा।

पश्चिमी यूपी में संवेदनशील मुद्दे हमेशा से चुनावी रणनीति के केंद्र में रहे हैं। यहां से बना माहौल पूरे प्रदेश के राजनीतिज्ञ परिदृष्य को प्रभावित करता रहा है। यही वजह है योगी ने महात्मा विदुर पर लंबा वक्तव्य रखा। मां गंगा के आंचल में बसे बिजनौर के इतिहास का भी सिलसिलेवार जिक्र किया। कहा कि महाराजा दुष्यंत और उनके पुत्र भरत की गौरवशाली परंपरा पर सभी को गर्व करना चाहिए। मुख्यमंत्री को चुनाव की भी फिक्र थी, वह अगले दस मिनट के भाषण में चुनावी मोड में नजर आए। योगी ने एक-एक कर साढ़े चार साल में हुए कार्यों की लिस्ट पढ़कर सुनाई। उन्होंने व्यापारियों, किसानों और गरीबों के कल्याण के लिए चलाई गई योजनाओं का भी जिक्र किया। इस दौरान योगी ने विपक्ष पर भी प्रहार किए।

वह यह बताने से भी नहीं चूके कि उनकी ही सरकार ने लखनऊ में डा. भीमराव आंबेडकर के पंचस्थल और काशी में संत रविदास के मंदिर को भव्यता प्रदान की है। पूर्व की सरकारों का बगैर नाम लिए कहा कि उन्हें न गरीबों की ङ्क्षचता थी, न पिछड़ों की, वह सिर्फ अपने परिवारों का विकास करते थे। इनसे जो बचता था, उसे उनके गुंडे और गुर्गे ले जाते थे। योगी ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को अब तक की सबसे बेहतर व्यवस्था करार दिया। उन्होंने यह भी कहा कि पिछली सरकारों में मुजफ्फरनगर दंगे होते थे और गुनहगारों को सीएम कार्यालय में सम्मानित किया जाता था।

अब कोई अगर ऐसा करेगा तो उसकी सात पीढिय़ों तक से नुकसान की भरपाई होगी। भाषण में ही मुख्यमंत्री यह भी साफ कर गए कि बेहतर कानून व्यवस्था और विकास के मुद्दे को लेकर वह जनता के बीच जाएंगे। उन्होंने जनता को यह भी अहसास कराया कि आने वाला विधानसभा चुनाव प्रदेश के भविष्य को तय करेगा। आखिर में मुख्यमंत्री ने जनता से सवाल किया कि जब उनकी सरकार ने बिना भेदभाव कार्य किया है, तो उन्हें समर्थन भी बगैर किसी भेदभाव के मिलना चाहिए।