आगरा (www.arya-tv.com) पाक की जीत का जश्न मनाने के आरोप में जेल भेजे गए तीन कश्मीरी छात्रों का मुकदमा आगरा के अधिवक्ता लड़ने काे तैयार हो गए हैं। आल इंडिया लायर्स यूनियन की आगरा शाखा के सदस्य अधिवक्ताओं ने मंगलवार को कहा कि संस्थान से इस तथ्य की पुष्टि होने के बाद कि कश्मीरी छात्रों ने न तो पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए, न ही भारत विरोधी नारे लगाए। उन्होंने छात्रों की पैरवी करने का निर्णय लिया है।
आइल इंडिया लायर्स यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष अरुण सोलंकी एवं आगरा शाखा के वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेद्र रावत, अमीर अहमद व सतीश भदौरिया ने मंगलवार को बैठक की। उन्होंने अपने संयुक्त बयान में कहा कि सभी अधिवक्ता नियमों व पेशे के सिद्धांतों के अधीन अपने कर्तव्य का पालन करते हैं। ये नियम व सिद्धांत किसी भी अधिवक्ता संगठन या समूह को इस बात की इजाजत नहीं देते कि वह सामूहिक रूप से यह निर्णय लें व अन्य अधिवक्ताओं को बाध्य करें कि वे किसी अभियुक्त की न्यायालय में पैरवी न करें।
आल इंडियन लायर्स यूनियन के सदस्यों ने कहा कि किसी भी अधिवक्ता को ये अधिकार है कि वह किसी की पैरवी करने से इंकार कर सकता है। मगर, एेसा निर्णय सामूहिक रूप से नहीं लिया जा सकता। न ही अन्य अधिवक्ताओं को ऐसा करने पर बाध्य ही किया जा सकता है। सर्वोच्च न्यायालय भी इस संबंध में निर्णय पारित कर चुका है।
प्रत्येक अभियुक्त को विधिक सहायता प्राप्त होना उसका विधिक अधिकार है। इसमें किसी को बाधा डालने का अधिकार प्राप्त नहीं है। कुछ अधिवक्तओं ने जो निर्णय लिया है कि वे इन छात्रों की पैरवी नहीं करेंगे, वह दुर्भाग्य पूर्ण है। यूनियन की आगरा शाखा के सदस्यों ने कहा कि इन छात्रों की ओर से हम लोगों की पैरवी के लिए अधिवक्ता नियुक्त किया जाता है तो वह उनकी ओर से मुकदमा लड़ने को तैयार हैं।
ये है अब तक का घटनाक्रम
24 अक्टूबर: बिचपुरी कैंपस में इंजीनियरिंग की पढाई करने वाले कश्मीरी छात्रों पर टी-20 विश्वकप मैच में भारत पर पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने का आरोप
25 अक्टूबर: कालेज प्रबंधन ने आरोपित छात्रों को निलंबित किया
26 अक्टूबर: छात्रों की चैटिंग व वाट्सएप स्टेटस इंटरनेट मीडिया में वायरल होने पर जगदीशपुरा थाने में साइबर आतंकवाद समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज।
27 अक्टूबर: विवेचना में राष्ट्रद्रोह की धारा बढ़ी, पुलिस ने तीनों छात्रों को गिरफ्तार किया।
28 अक्टूबर: पुलिस ने छात्रों को विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में प्रस्तुत किया। अदालत ने उन्हें 11 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा।
1 नवंबर: कश्मीरी छात्र इनायत अलताफ के स्वजन ने उससे जेल में मुलाकात की।