(www.arya-tv.com) छत्तीसगढ़ चुनाव के नतीजे आ गए हैं। कांग्रेस में हार के कारणों पर मंथन जारी है। वहीं, राज्य में भाजपा की जीत महिलाओं और अदिवासी समुदायों के मजबूत वोट का परिणाम है। चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में कमान संभाल ली थी।
जमीनी स्तर के नेताओं से लगातार फीडबैक ले रहे थे। साथ ही अपनी टीम को वहां चुनाव की रणनीति बनाने के लिए उतार दिया था। उनकी टीम ने 10 दिन में 53 लाख फॉर्म भरवाकर भूपेश बघेल का खेला कर दिया है।
पार्टी की हालिया जीत को लेकर लोगों के अपने-अपने आकलन हैं लेकिन एक चीज साफ है कि महिला मतदाताओं ने छत्तीसगढ़ में बीजेपी को बढ़ चढ़कर साथ दिया है। भाजपा ने छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना की घोषणा की है।
इसके लिए भाजपा कार्यकर्ताओं का योगदान बड़ा है। 10 दिनों की मेहनत कर 53 लाख फॉर्म भरवाया है। इस फॉर्म से ही छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल का खेला हो गया है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए कहा कि हमारे पास इस योजना को लेकर मतदाताओं तक पहुंचने के लिए बहुत कम वक्त था। हमें अपने सर्वे में पता चला कि महतारी वंदन योजना की गूंज महिलाओं में है, जैसे मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना का असर है।
राज्य में बीजेपी के चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने भविष्य के लाभार्थियों से फॉर्म भरने के लिए पार्टी के मंडल अध्यक्षों को फोन किया।
वहीं, बीजेपी के एक पदाधिकारी ने कहा कि 7 नवंबर को छत्तीसगढ़ में पहले चरण की वोटिंग होनी थी। इससे पहले हमने फॉर्म भरवाना शुरू किया, 15 नवंबर तक 53 लाख फॉर्म भरवा लिए।
सिर्फ फॉर्म ही नहीं भरवाए, भविष्य के उन लाभार्थियों के फोन नंबर भी लिए और उन्हें फोन कर महतारी वंदन योजना के फायदे बताए।वहीं, कांग्रेस ने भी इसी तरह से छत्तीगढ़ में गृह लक्ष्मी योजना की घोषणा की थी।
उन्होंने कहा कि यह घोषणा दिवाली के दिन हुई थी। अगले दिन कोई समाचार पत्र नहीं छपा औऱ टीवी में भी खबरें नहीं दिखीं।
आदिवासी समाज पर किया फोकस
यही नहीं, महिलाओं के बाद भाजपा का अगला फोकस आदिवासी सीटों पर था, जहां 2018 के चुनावों में पार्टी का सफाया हो गया था। भाजपा नेता ने कहा कि जब हमने जनजातीय क्षेत्रों का आंतरिक दौरान किया तो हमने पाया कि तेंदूपत्ता संग्रहकर्ताओं के लिए बोनस बहुत कम था।
हकीकत में तेंदूपत्ता संग्रहकर्ताओं के लिए बोनस और यहां तक कि जूते आदि जैसे उपहारों की रमन सिंह की नीतियों का उनके मन में स्मरण था। हमारी पार्टी ने उनसे वादा किया कि इन क्षेत्रों में सभी को बहाल कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बघेल सरकार के खिलाफ पहले से ही सत्ता विरोधी लहर थी। हालांकि वह राजनीतिक रूप से काफी मजबूत थे। लेकिन लोग जानते थे कि असम, यूपी, हिमाचल प्रदेश जैसे अन्य राज्यों में कांग्रेस के चुनावी अभियान के लिए यहां से फंडिग हो रही थी।
भूपेश सरकार को कांग्रेस का एटीएम कहा जा रहा था। साथ ही भ्रष्टाचार के कई आरोप लग रहे थे। भाजपा ने घोषणा किया कि हम धान के लिए 3100 रुपए एमएसपी देंगे। यह कांग्रेस से 100 रुपए अधिक है। हमने किसानों के बीच अपनी बातों को मजबूती के साथ रखा है।
इसके साथ ही बड़े नेताओं की अनुपस्थिति में पहचानने योग्य चेहरे भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हुई है। पार्टी की नीति थी कि इनमें से कोई भी मुख्यमंत्री बन सकता है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने बिना किसी गुटबाजी के अपनी ताकत को एकजुट किया।