(www.arya-tv.com) सहारनपुर: सहारनपुर का लकड़ी उद्योग देश-विदेश में काफी प्रसिद्ध है. यहां से लकड़ी पर की गई कारीगरों की नक्काशी स्थानीय स्तर ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी पसंद की जाती है. इतना ही नहीं जनपद के कारीगर लकड़ी पर विभिन्न धातुओं की नक्काशी करने में भी माहिर हैं. सहारनपुर के खाता खेड़ी में चलने वाली एक फैक्ट्री में शीशम, सागवान व आम की लकड़ी पर पीतल की नक्काशी का काम किया जाता है. जिसको विदेश में सबसे अधिक चीन में पसंद किया जाता है. यह परिवार पुस्तैनी तौर पर इस काम को करता आ रहा है.
सहारनपुर के मौहम्मद नदीम ने बताया कि वह 23 सालों से शीशम की लकड़ी के ऊपर पीतल का डिजाइन करने का काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनके पिता व दादा भी यही काम करते थे. इसलिए पुस्तैनी तौर पर उन्होंने अपने पूर्वजों के पदचिन्हों पर चलते हुए लकड़ी की नक्काशी का ही काम किया है. नदीम ने बताया कि शीशम के अलावा आम व सागवान की लकड़ी पर भी यह नक्काशी की जाती है. लेकिन शीशम की लकड़ी पर किया गया पीतल के डिजाइन सबसे सुंदर दिखाई देता है. जिसकी मांग बाजार में काफी ज्यादा है. नदीम ने बताया कि हमारे यहां लकड़ी के उत्पाद की कीमत बाजार भाव से वाजिब दाम पर ग्राहक को मिल जाती है. उन्होंने बताया कि उनके यहां से उत्पाद निकलने के बाद उसकी कीमत अधिक हो जाती है.
कोरोना महामारी के बाद आई बाजार में सहारनपुर के खाता खेड़ी में काम करने वाले नदीम ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान जनपद के लकड़ी बाजार बहुत प्रभावित हुआ था. जिसके बाद व्यापारियों के सामने काम करने में भारी परेशानी आयी थी. नदीम ने बताया कि वर्तमान में जनपद के लकड़ी बाजार के हालात में कुछ सुधार हुआ है. देश ही नही बल्कि अन्य देशों से भी अब लकड़ी के उत्पादों की मांग बढ़ रही है. जिससे जनपद के लकड़ी बाजार में रौनक बढ़ने लगी है. उन्होंने बताया कि अभी हाल ही में उनके पास चाइना से ऑर्डर आया है.
लकड़ी पर पीतल की नक्काशी आ रही है पसन्द
नदीम ने बताया कि उनके यहां बेड, मेज, ड्रेसिंग टेबल, सोफा सेट, डायनिग सेट आदि का काम किया जाता है. इसके अलावा छोटे-छोटे सामान भी तैयार किया जाता है. उन्होंने बताया कि सहारनपुर के फर्नीचर की पूरे देश मे मांग है. जबकि यह सामान चाइना में सबसे अधिक एक्सपोर्ट होता है. बेड की कीमत 25 हजार रु से करीब 60 हजार रु तक है, जो बाहर के बाजार से ग्राहक को करीब 90 हजार रुपये का मिलेगा.