पुणे पॉर्श एक्सीडेंट मामले में नाबालिग आरोपी को बड़ा झटका, रिहाई के बावजूद करना होगा ये काम

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(www.arya-tv.com) पुणे पोर्श एक्सीडेंट मामले में एक बड़ी खबर सामने आई है. कल बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक्सीडेंट मामले में नाबालिग आरोपी को जमानत दे दी थी. अब खबर ये आ रही है कि नाबालिग को रिहा करने के बाद भी उसे 300 शब्दों का निबंध लिखना होगा. कोर्ट की ऑर्डर कॉपी में इसबात का जिक्र किया गया है.

पुणे रोड ऐक्सिडेंट मामले का आरोपी कल रिमांड होम से भले रिहा हो गया हो लेकिन सजा के तौर पर जो कार्रवाई बताई गई थी उसे फिर से दोहराया गया है. ऑर्डर कॉपी में निम्नलिखित बातें कही गई है. 19 तारीख को किशोर आरोपी को जमानत देते समय किशोर न्याय बोर्ड की ओर से निर्धारित नियम और शर्तों का पालन करना होगा.

रिहाई के बावजूद लिखना होगा निबंध
नाबालिग आरोपी को 300 शब्दों का निबंध लिखना होगा और 15 दिनों तक यातायात नियमों का अध्ययन करना होगा. जमानत मिलने के बावजूद किशोर आरोपी को 22 तारीख को बाल सुधार गृह भेजने का आदेश हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है.

19 तारीख के जमानत आदेश को हाई कोर्ट ने बरकरार रखा है, 22 तारीख के सभी आदेशों को रद्द कर दिया है और उसके बाद किशोर गृह में रहने की अवधि बढ़ा दी है. 19 तारीख को जमानत देते समय किशोर आरोपी को किशोर न्याय बोर्ड द्वारा लगाई गई सशर्त शर्तों को पूरा करना होगा. उच्च न्यायालय ने किशोर न्याय बोर्डों द्वारा 300 शब्दों के निबंध और यातायात नियमों का अध्ययन करने की आवश्यकता को बरकरार रखा है.

नाबालिग आरोपी पर 19 मई को नशे में धुत होकर अपनी पोर्श कार से दो लोगों को कुचलने का आरोप है. हाई कोर्ट ने लड़के के रिहा करने का आदेश देते हुए कहा कि उसका मनोवैज्ञानिक परामर्श सत्र जारी रहेगा.