(www.arya-tv.com) भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड एपेक्स काउंसनलिंग की शुक्रवार को मुंबई में बैठक आयोजित की गई इस बैठक में बैठक में बोर्ड ने क्रिकेट से जुड़े कुछ अहम फैसले लिये। इसी कड़ी मे बीसीआई ने सितंबर -अक्टूबर में हाग्जो एशिया गेम्स के लिए पुरूष और महिला टीमो भागीदारी की मंजूरी दे दी हैं।
बीसीसीआई ने एक नोट में कहा कि व्यस्त अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम को देखते हुए एशिया खेलो के टीम उतारना एक चुनौती होगी , लेकिन राष्ट्र के लिए खेलना भी महत्वपूर्ण है और चुनौतियों से उबरते हुए दाेनों वर्गोे में भारतीय टीम खेलेगी।
साल 2008 में शुरू हुई इंडियन प्रीमियर लीग दुनिया (आईपीएल) की सबसे महंगी और बड़ी टी20 क्रिकेट लीग है। इस लीग को यहां तक पहुंचाने के लिए बीसीसीआई ने अपना पूरा दम झोंक दिया। हालांकि टीम इंडिया के गिरते प्रदर्शन के बाद अब बीसीसीआई की प्राथमिकता बदल गई है। वो भारतीय टीम के प्रदर्शन में सुधार के लिए आईपीएल पर ही डंडा चलाने के लिए भी तैयार है।
बीसीसीआई ने नए साल के पहले ही दिन बैठक की जिसमें कुछ अहम फैसले किए गए। इन फैसलों से साफ जाहिर है कि अब अगर किसी खिलाड़ी को टीम इंडिया में आना है तो वो सिर्फ आईपीएल पर निर्भर नहीं रह सकते. साथ ही IPL टीमों को भी भारतीय खिलाड़ियों के वर्कलोड को मैनेज करना होगा।
भारतीय क्रिकेट टीम के लिए साल 2022 अच्छा नहीं रहा था। विदेशों में भी भारत को बहुत ज्यादा सफलता नहीं मिली वहीं कई स्टार खिलाड़ी चोटिल रहे। बीसीसीआई की कोशिश है। कि खिलाड़ियों का वर्कलोड मैनेज किया जाए ताकि वर्ल्ड कप के लिए वो पूरी तरह फिट और तारोताजा रहे। इसलिए रविवार 1 जनवरी को कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा समेत अन्य अधिकारियों के साथ टीम इंडिया के प्रदर्शन की समीक्षा की, जिसमें ये फैसले लिए गए।
भारतीय क्रिकेट टीम के लिए साल 2022 अच्छा नहीं रहा था। विदेशों में भी भारत को बहुत ज्यादा सफलता नहीं मिली वहीं कई स्टार खिलाड़ी चोटिल रहे।
बीसीसीआई की कोशिश है कि खिलाड़ियों का वर्कलोड मैनेज किया जाए ताकि वर्ल्ड कप के लिए वो पूरी तरह फिट और तारोताजा रहे। इसलिए रविवार 1 जनवरी को कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा समेत अन्य अधिकारियों के साथ टीम इंडिया के प्रदर्शन की समीक्षा की, जिसमें ये फैसले लिए गए।
भारतीय टीम बीते साल खिलाड़ियों के चोटिल होने से परेशान रही, जिसका असर टी20 विश्व कप भी दिखा. अब 2023 में वर्ल्ड कप से पहले बीसीसीआई अपने स्टार खिलाड़ियों को लेकर कोई जोखिम नहीं चाहता है। मीटिंग में फैसला किया गया कि भारत के प्रमुख खिलाड़ियों के वर्कलोड को आईपीएल फ्रैंचाइजियों के साथ मिलकर मैनेज किया जाएगा।
खासतौर पर उन खिलाड़ियों के वर्कलोड पर चर्चा होगी जो चोटिल रहे हैं और जो विश्व कप के लिहाज से टीम की योजना का हिस्सा हैं।इसमें नेशनल क्रिकेट एकेडमी का भी अहम रोल रहेगा।
इसका साफ मतलब है कि अगर जरूरत होगी तो बीसीसीआई ऐसे खिलाड़ियों को IPL में सारे मैच खेलने से बचने को बोल सकती है। यानी जिस तरह से टीम इंडिया की सीरीज में खिलाड़ियों को आराम दिया जाता है, वही तरीका IPL में भी अपनाया जा सकता है।
नए खिलाड़ियों की एंट्री पर फरमान इसके अलावा बीसीसीआई के द्वारा जारी प्रेस रिलीज में ये भी बताया गया कि टीम इंडिया में सेलेक्शन से पहले उभरते हुए खिलाड़ियों को पर्याप्त घरेलू सत्र खेलना होगा।
हाल के सालों में रवि बिश्नोई, उमरान मलिक, वरुण चक्रवर्ती जैसे खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट में ज्यादा वक्त बिताए बिना ही सिर्फ आईपीएल के प्रदर्शन के आधार पर टीम इंडिया में डेब्यू का मौका दिया गया था।
हालांकि अब ऐसा नहीं होगा। खिलाड़ियों को अब घरेलू क्रिकेट में भी खुद को साबित करना होगा तभी उन्हें मौका दिया जाएगा। बीसीसीआई के इन फैसलों का साफ मतलब है ।कि अब भारतीय खिलाड़ियों के लिए अब सिर्फ आईपीएल प्रदर्शन ही सब कुछ नहीं हो सकता।