5जी नीलामी में रिकॉर्ड 1.5 लाख करोड़ रुपये की बोलियां, जियो सबसे बड़ी बोलीदाता

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(www.arya-tv.com) नयी दिल्ली। देश में दूरसंचार स्पेक्ट्रम की अब तक की सबसे बड़ी नीलामी में रिकॉर्ड 1.5 लाख करोड़ रुपये की बोलियां आईं। रिलायंस जियो ने 88,078 करोड़ रुपये की बोली के साथ 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में बिके कुल स्पेक्ट्रम में से करीब आधा हिस्सा हासिल किया है। अडाणी समूह की कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज ने 212 करोड़ रुपये में 400 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदा है।

यह कुल बिके स्पेक्ट्रम के एक प्रतिशत से भी कम है। समूह ने उस बैंड में स्पेक्ट्रम खरीदा है जिसका उपयोग सार्वजनिक टेलीफोन सेवा में नहीं किया जाता है। नीलामी में अडाणी समूह के शामिल होने से दूरसंचार कंपनियों खासकर अंबानी की रिलायंस जियो के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा के कयास लगाये जा रहे थे। दूरसंचार क्षेत्र के दिग्गज सुनील भारती मित्तल की भारती एयरटेल ने 43,084 करोड़ रुपये जबकि वोडाफोन आइडिया ने 18,799 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम खरीदा है। दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार कुल 10 बैंड में पेश किए गए 72,098 मेगाहर्ट्ज में से 51,236 मेगाहर्ट्ज यानी 71 प्रतिशत स्पेक्ट्रम ही बेच पाई है। सात दिनों तक चली इस नीलामी के दौरान कुल 1,50,173 करोड़ रुपये की बोलियां प्राप्त हुई हैं। सरकार पहले साल में स्पेक्ट्रम मद में 13,365 करोड़ रुपये प्राप्त करेगी।

वैष्णव ने बताया कि 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में जियो और एयरटेल के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा हुई। इसको छोड़कर सभी बैंड आरक्षित मूल्य पर बिके। उच्च गति वाले मोबाइल इंटरनेट की सुविधा देने में सक्षम 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी की यह राशि पिछले साल बेचे गए 77,815 करोड़ रुपये के 4जी स्पेक्ट्रम से लगभग दोगुना है। वहीं वर्ष 2010 में 3जी नीलामी से मिले 50,968.37 करोड़ रुपये के मुकाबले तीन गुना है। नीलामी के इस दौर में रिलायंस जियो शीर्ष बोलीदाता रही। कंपनी ने पांच बैंड में 24,740 मेगाहर्ट्जवाली रेडियो तरंगों के लिये 88,078 करोड़ रुपये की बोली लगाई। इस बैंड में गति 4जी के मुकाबले 10 गुना अधिक होगी और संपर्क बिना किसी अड़चन के हो सकेगा। इससे आपस में जुड़े अरबों उपकरणों के साथ आंकड़े वास्तविक समय में साझा किये जा सकते हैं।

कंपनी ने उम्दा माने जाने वाले 700 मेगाहर्ट्ज बैंड समेत विभिन्न बैंड में स्पेक्ट्रम खरीदा है। यह 6-10 किलोमीटर तक ‘सिग्नल’ दायरा प्रदान कर सकता है और देश में सभी 22 सर्किल में पांचवीं पीढ़ी के लिए एक अच्छा आधार बनाता है। अडाणी समूह ने छह राज्यों- गुजरात, मुंबई, कर्नाटक, तमिलनाडु, राजस्थान और आंध्र प्रदेश में 26 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम खरीदा है। यह निजी नेटवर्क स्थापित के लिये उपयुक्त है। भारती एयरटेल ने पांच बैंड में कुल 19,867.5 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम लिया है। लेकिन इसमें 700 मेगाहर्ट्ज कोई भी नहीं है। वहीं वोडाफोन आइडिया ने 6228 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम प्राप्त किया है।

वैष्णव ने कहा कि 600 मेगाहर्ट्ज बैंड की पेशकश पहली बार की गयी थी लेकिन इसमें किसी ने रूचि नहीं दिखायी। उन्होंने कहा, ‘‘जो स्पेक्ट्रम खरीदे गये हैं, वह देश में सभी सर्किल को कवर करने के लिये पर्याप्त हैं। आने वाले दो-तीन साल में हमारे पास अच्छा 5जी कवरेज होगा।’’ दूरसंचार मंत्री ने कहा कि 26 गीगाहर्ट्ज के आवेदन गैर-सार्वजनिक नेटवर्क के लिये होंगे। इसमें ‘फिक्स्ड वायरलेस’ की सुविधा होगी। यह अंतिम छोर पर संपर्क सुविधा देने के लिये फाइबर का अच्छा विकल्प है।’’ उन्होंने कहा कि स्पेक्ट्रम आवंटन 10 अगस्त तक कर दिया जाएगा और 5जी सेवाएं अक्टूबर से शुरू होने की उम्मीद है। वैष्णव ने कहा, ‘‘स्पेक्ट्रम की बेहतर उपलब्धता के साथ ‘कॉल’ गुणवत्ता बेहतर होने की उम्मीद है।’’ करीब दो तिहाई बोलियां 5जी बैंड (3000 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज) के लिये आईं। जबकि एक तिहाई बोली 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में थी। यह बैंड पिछली दो नीलामी (2016 और 2021) में नहीं बिक पाया था। पिछले साल की दो दिन की नीलामी में रिलायंस जियो ने 57,122.65 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम खरीदे थे। वहीं भारती एयरटेल ने 18,699 करोड़ रुपये और वोडाफोन आइिया ने 1,993.40 करोड़ रुपये मूल्य की बोलियां लगायी थी।