जेल से निकलने के बाद मनमानी वसूली करेंगे,पैसा कमाएंगे- अतीक के शूटर्स :SIT ने किए 100 सवाल

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(www.arya-tv.com) माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है। तीनों हमलावरों को जिगाना पिस्टल सहित सभी हथियार कानपुर के शातिर अपराधी बाबर ने दिए थे। SIT की पूछताछ में हमलावर लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य ने पुरानी बात दोहराते हुए कहा कि अतीक-अशरफ का मर्डर उन्होंने नाम कमाने के लिए किया। यह भी बताया कि हत्याकांड के पीछे कोई नहीं है।

बुधवार को तीनों शूटर्स को 4 दिन की रिमांड मिलने के बाद उपायुक्त क्राइम सतीश चंद्र, SP सत्येंद्र तिवारी और इंस्पेक्टर ओम प्रकाश लेकर पुलिस लाइन पहुंचे। यहां दिनभर पूछताछ चली। तीनों हमलावरों से 100 सवाल पूछे

पहला और सबसे अहम सवाल- तुम्हारी अतीक-अशरफ से क्या दुश्मनी है?

जवाब- सीधे तौर पर अतीक-अशरफ से कोई दुश्मनी नहीं है। हमें लगा कि अगर हम ही दोनों की हत्या कर देंगे, तो हमारा बड़ा नाम होगा। पूरा देश हमें जानने लगेगा। इससे लोग हमसे डरेंगे और जेल से निकलने के बाद हम मनमानी वसूली करेंगे। पैसा कमाएंगे।

सवाल- नाम तो तुम लोग बांदा जेल में बंद माफिया को भी मारकर कमा सकते थे?

जवाब: हमें अतीक-अशरफ को ही मारना था। यह कहकर हमलावरों ने चुप्पी साध ली।

सवाल- हत्याकांड के पीछे कौन है?

जवाब– कोई नहीं।

सवाल– किसी ने तुम लोगों को फंडिंग की है?

​​​​जवाब – कोई नहीं।

सवाल – अतीक और अशरफ को क्यों मारा?

​​​​जवाब – नाम कमाने के लिए दोनों को मारा है।

सवाल – तुर्किए मेड जिगाना पिस्टल किसने दी?

​​​​जवाब – शातिरों ने प​​हले गोलमोल दिया पर कड़ाई से पूछताछ और क्रॉस सवाल करते रहने पर अंत में टूटकर बताया कि ये हथियार उसे कानपुर के शातिर अपराधी बाबर ने दिए थे।

शूटर्स ने मोबाइल के बारे में कुछ नहीं बताया

बुधवार को माना जा रहा था कि पुलिस तीनों को लेकर कॉल्विन हॉस्पिटल में घटनास्थल पर सीन रिक्रिएट कराने ले जाएगी, पर ऐसा नहीं हुआ। अब गुरुवार यानी आज पुलिस सीन रिक्रिएट करा सकती है। पुलिस तीनों के मोबाइल बरामद करने की कोशिश कर रही है, लेकिन अभी तक शूटर्स ने मोबाइल के बारे में कुछ नहीं बताया है। मोबाइल की जांच कर यह पता करने की कोशिश की जाएगी कि आखिरी वक्त में ये किन लोगों के संपर्क में थे।

कौन है बाबर?
बाबर अपराध की दुनिया में बड़ा नाम रईस बनारसी का भांजा है। ATS ने बाबर को 2012 में गिरफ्तार किया था। उस पर हथियारों की तस्करी का आरोप था। बाद में इसी मामले में उसे 7 साल की सजा हुई। सजा पूरी करके वह कुछ समय पहले ही जेल से छूटा है। जेल जाने से पहले बाबर मध्यांचल और पूर्वांचल के माफिया को हथियार सप्लाई करने वाला बड़ा तस्कर रहा।

विदेशी हथियारों की तस्करी के साथ ही वह हूबहू विदेशी हथियार बनाने में भी माहिर है। अब पुलिस बाबर की तलाश कर रही है। फिलहाल अतीक-अशरफ की हत्या के पर्दे के पीछे कौन है? इसका जवाब मिलना बाकी है। गुरुवार को भी तीनों से पूछताछ होगी।

शाहगंज के 5 पुलिसकर्मी सस्पेंड

अतीक-अशरफ हत्याकांड के 5वें दिन यानी 19 अप्रैल को प्रयागराज के शाहगंज थाना के 5 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया। SIT की पूछताछ के बाद पुलिस विभाग ने ये ऐक्शन लिया है। जिन पर यह कार्रवाई की गई है, उनमें एसओ अश्वनी कुमार सिंह के अलावा दो सब इंस्पेक्टर और दो कॉन्स्टेबल शामिल हैं।

बुधवार को प्रयागराज पुलिस ने अतीक गैंग के शूटर असाद कालिया को भी गिरफ्तार कर लिया है। उस पर 50 हजार का इनाम था। असाद कालिया को अतीक गैंग का फाइनेंसर बताया जाता है। पुलिस अब उससे पूछताछ कर रही है।