(www.arya-tv.com) अयोध्या में 500 सालों के लंबे इंतजार के बाद भगवान रामलला का मंदिर अब बनकर तैयार है. इस भव्य मंदिर में जनवरी में रामलला विराजमान होने वाले हैं. इस मौके पर वीआईपी और प्रोटोकॉल वालों समेत राज्य और प्रांत के हिसाब से तारीखें तय कर दी गई हैं. अब मंदिर ट्रस्ट अपील कर रहा है कि लोग नियत तिथि पर ही रामलला के दर्शनों के लिए आएं.
अयोध्या में भगवान रामलला का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 22 जनवरी 2024 को होने वाला है. इस संबंध में राम मंदिर ट्रस्ट ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल समेत अन्य लोगों के लिए तारीखें तय कर दी हैं. 26 जनवरी से 22 फरवरी तक देश के सभी राज्यों के लिए राम जन्मभूमि दर्शन की तिथि निश्चित की गई है. इसमें एक दिन भक्तों का आना शाम को विश्राम अगले दिन रामलला का दर्शन, पूजन और सरयु की आरती के पश्चात वह अपने गंतव्य पर वापस हो सकते हैं. इस तरीके से पूरे देश के सभी प्रदेशों के लिए तिथियां निश्चित की गई हैं.
सदी का सबसे बड़ा कार्यक्रम
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम सदी का सबसे बड़ा कार्यक्रम होगा. ऐसे में देश और दुनिया के राम भक्त भी अपने आराध्य के जन्म स्थान पर बने भव्य मंदिर का दर्शन करने जरूर अयोध्या पहुंचेंगे. पूर्वानुमान लगाया जा रहा है कि प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु राम नगरी पहुंचेंगे. इस कारण प्रोटोकॉल वालों से नहीं आने की अपील की जा रही है. प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर देश भर के 5 लाख से ज्यादा मठ मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा का धार्मिक अनुष्ठान कराने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए पूजित अक्षत देश के मठ मंदिरों के लिए भिजवाए जाएंगे. प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 17 जनवरी से शुरू हो जाएगा, जो कि 22 जनवरी तक चलेगा. माना जा रहा है कि 25 जनवरी तक अयोध्या में बड़ी संख्या में राम भक्त मौजूद रहेंगे.
तय तारीख पर ही आने का आग्रह
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि हम हाथ जोड़कर निवेदन करेंगे कि ऐसा कोई भी व्यक्ति जिसके साथ प्रोटोकॉल है, वह प्राण प्रतिष्ठा के दिन अयोध्या ना आए. हमारा हाथ जोड़कर उनसे यही निवेदन रहेगा. राज्यों के मुख्यमंत्री, राज्यपाल और राजदूत इनके साथ संवैधानिक प्रोटोकॉल होता है. 22 जनवरी को उनकी सेवा राम मंदिर ट्रस्ट भी नहीं कर पाएगा और स्थानीय प्रशासन भी नहीं कर पाएगा. जिस राज्य के भक्त जिस दिन आ रहे हैं उसी दिन उस राज्य के मुख्यमंत्री और राज्यपाल आ सकते हैं.