औरंगजेब ने क्यों तोड़ा विश्वनाथ मंदिर, जहां बनी ज्ञानवापी मस्जिद? क्या शिवाजी की खीझ निकाली थी

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(www.arya-tv.com) पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) ने कहा है कि वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) हिंदू मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी. कोर्ट को सौंपे पर अपने साइंटिफिक सर्वे रिपोर्ट में एएसआई ने तमाम ऐतिहासिक दस्तावेजों और किताबों का भी हवाला दिया है. जिसमें मुगल शासक औरंगजेब की जीवनी लिखने वाले साकी मुस्तैद खान (Saqi Mustaid Khan) की किताब ‘मासिर-ए-आलमगीरी’ ( Maasir-i-Alamgiri) का भी हवाला है.

साकी मुस्तैद खान ने यह किताब मूल रूप से फारसी में लिखी थी. इस किताब का पहला हिस्सा औरंगजेब के जिंदा रहते लिखा गया, जबकि आखिरी हिस्सा उसकी मौत के बाद लिखा गया. बाद में इतिहासकार जदुनाथ सरकार ने ब्रिटिश काल में इस किताब का अनुवाद किया.

किताब में क्या लिखा है?
इस किताब में औरंगजेब के साल 1669 के उस शाही फरमान पर विस्तार से लिखा गया है, जिसके जरिए उसने काशी विश्वनाथ मंदिर तोड़ने का आदेश दिया था. ‘मासिर-ए-आलमगीरी’ के मुताबिक औरंगज़ेब इस्लाम की स्थापना के लिए बेचैन था और उसने सभी गवर्नर को हिंदुओं के स्कूल और मंदिर तोड़ने के आदेश दिये. साथ ही यह भी कहा कि काफिरों (हिंदुओं) के पूजा-पाठ और पढ़ाई-लिखाई पर फौरन पाबंदी लगाई जाए.

साल 1669 का वो शाही फरमान?
‘मासिर-ए-आलमगीरी’ ( Maasir-i-Alamgiri) के मुताबिक औरंगजेब ने 9 अप्रैल 1669 को एक शाही फरमान जारी किया और इसके जरिए बनारस के काशी विश्वनाथ मंदिर और मथुरा के केशव देव मंदिर को तोड़ने का आदेश दिया.

इतिहासकार सैयद अतहर अब्बास रिजवी अपनी किताब ”द वंडर दैट वॉज इंडिया” (The Wonder that was India) के वॉल्यूम टू में लिखते हैं कि औरंगजेब ने साल 1665 में हिंदू व्यापारियों पर मुसलमानों के मुकाबले दोगुना आयात कर लगा दिया. जबकि बाद में मुसलमान के लिए कस्टम ड्यूटी पूरी तरह खत्म कर दी. जनवरी 1669 में उसके तीसरे बेटे शाहजादे आजम की शादी थी. इस मौके पर उसने इस्लाम का परचम बुलंद करने के लिए तमाम शाही फरमान निकाले.

क्या है शिवाजी वाली थ्योरी?
कुछ इतिहासकार काशी विश्वनाथ मंदिर तोड़ने की एक दूसरी थ्योरी देते हैं. इसके मुताबिक जब मराठा शासक छत्रपति शिवाजी आगरा में मुगलों की कैद से निकलने में सफल रहे तो इससे औरंगजेब काफी शर्मिंदा हुआ और नाराज हुआ. इसलिये उसने काशी विश्वनाथ मंदिर को ध्वस्त करने का आदेश दिया.

कब बनी ज्ञानवापी मस्जिद?
इतिहासकारों के मुताबिक काशी विश्वनाथ मंदिर ध्वस्त करने के बाद 1680 के दशक में उसी जगह ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण हुआ. इस मस्जिद के निर्माण में मंदिरों के अवशेष, बचे हुए कॉलम जैसी चीजें इस्तेमाल की गईं.  इतिहासकार ऑड्रे ट्रश्के (Audrey Truschke) लिखती हैं कि मंदिर तोड़ने के बाद ज्ञानवापी मस्जिद में उसके अवशेषों का इस्तेमाल किया गया.