(www.arya-tv.com) पाकिस्तान में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं। आर्मी चीफ आसिम मुनीर अपनी ही बिछाई बिसात में घिरने लगे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के एक पखवाड़े बाद पाक आर्मी के नौ कमांडरों में से चार मुनीर के खिलाफ बागी हो गए हैं। इन कमांडरों का मानना है कि भले ही इमरान की पार्टी PTI के समर्थक सड़कों पर नहीं उतर रहे हैं, लेकिन लोगों में आर्मी के खिलाफ अंडर करंट है।
इस बीच, आर्मी और सीक्रेट एक्ट बिल पर साइन नहीं करने का धमाकेदार बयान देने के बाद राष्ट्रपति आरिफ अल्वी हाउस अरेस्ट जैसी हालत में पहुंच गए हैं। विश्वस्त रक्षा सूत्र ने बताया, अल्वी के सरकारी कामकाज को ब्रिगेडियर रैंक का अफसर संभाल रहा है।
अल्वी रविवार को बयान देने के बाद सार्वजनिक तौर पर नजर नहीं आए हैं। सोमवार को अल्वी ने ट्वीट किया कि उन्होंने अपने सचिव वकार अहमद को हटा दिया है। दूसरी ओर, बताया जाता है कि राष्ट्रपति भवन में आर्मी और बढ़ा दी गई है।
मुनीर के दो बड़े दांव जो उलटे पड़े
1. इमरान का व्यक्तिगत विरोध
इमरान के धुर विरोधी मुनीर का मानना था कि दबाव बढ़ने पर इमरान भी अन्य नेताओं के जैसे ही आर्मी के सामने घुटने टेक देंगे या फिर इमरान खान पाकिस्तानी आर्मी के साथ कोई समझौता कर लेंगे। यह नहीं हुआ।
इमरान की गिरफ्तारी के बाद पीटीआई कार्यकर्ताओं का आर्मी के खिलाफ गुस्सा और बढ़ गया है। लोग चाहे सड़कों पर न उतरें पर आर्मी की छवि आम जनता में गिरी है। चार कमांडर इसलिए मुनीर के खिलाफ हो गए हैं।
2. काकर को केयरटेकर पीएम बनाना
मुनीर ने सत्तारूढ़ पीएमएलएन और पीपीपी को भरोसा दिलाया था कि किसी तटस्थ को केयरटेकर पीएम बनाया जाएगा। लेकिन मुनीर ने आर्मी के कट्टर समर्थक अनवर काकर को प्रधानमंत्री बना दिया।
अल्वी के खुलासे के बाद किसी भी राजनीतिक दल ने बिल को लेकर आर्मी का समर्थन नहीं किया। काकर के आने के बाद नवाज और भुट्टो की पार्टी सेना द्वारा चुनाव टालने की मंशा का विरोध कर नवंबर में चुनाव चाहती हैं।