- राज्य वित्त आयोग की धनराशि अवमुक्त न किए जाने कर्मचारियों में रोष
- कर्मचारी संध के अध्यक्ष शशि मिश्रा ने बताया कि प्रदेश के स्थानीय निकाय कर्मचारियों की लम्बित समस्याओं का समाधान तथा अभी तक राज्य वित्त आयोग की धनराशि अवमुक्त न किए जाने तथा अकेन्द्रीयत कर्मचारियों की सेवा नियमावली पर महासंघ द्वारा प्रेषित सुझावों आदि पर अमल न किए जाने से प्रदेश के कर्मचारियों मे भारी रोष ब्याप्त है।
(www.arya-tv.com)लखनऊ। प्रदेश अध्यक्ष शशि मिश्रा ने बताया कि उ.प्र.स्थानीय निकाय कर्मचारियों की प्रदेश कार्यसमिति की सोशल मीडिया के माध्यम से बैठक/संवाद करके वर्तमान समय में निकाय कर्मचारियों की लम्बित समस्याओं पर विचार विमर्श किया गया। जिसमें प्रमुखत:से निम्न प्रकरणों पर आक्रोश ब्यक्त करते हुए प्रेषित पत्रों पर तत्काल आदेश जारी करने की मा.मुख्यमंत्री जी एवं नगर विकास मंत्री से की अपील।
- राज्य वित्त आयोग की धनराशि वित्त विभाग उ.प्र.शासन द्वारा वगैर किसी कटौती के समय से जारी न किया जाना, जिससे प्रदेश के कर्मचारियों को माह जून का वेतन आदि अभी तक नहीं मिल सका तथा करोड़ों रुपये की देनदारियों का भुगतान लम्बित होने से भारी आक्रोश।
- निकाय कर्मचारियों की बहुत सी सेवा सम्बधी प्रकरण जैसे-वेतनविसंगति,कैडरो का पुनर्गठन जैसे- लिपिक,अकेन्द्रीयत राजस्व संवर्ग, आदि संवर्ग रिक्त पदो पर पदोन्नति, स्थायी करण/विनियतीकरण,नियुक्ति आदि तथा धारा 108,दैनिक वेतन वर्ष 2001के कर्मचारियों का स्थायी करण,संविदा, एवजदार तथा आऊटसोर्सिंग आदि कर्मचारियों का नियतीकरण, दैनिक मजदूरी मे बढोत्तरी आदि प्रकरण पर प्रभावी आदेश जारी न किया जाना।
- निकाय कर्मचारियों के अकेन्द्रीयत सेवा के कर्मचारियों की बनायी जा रही सेवानियमावली मे महासंघ द्वारा दि.19सितंबर19 को पत्र सं.380/महासंघ-19 के द्वारा सुझाव एवं आपत्ति पर कोई ध्यान न देकर केवल अकेन्द्रीयत कर्मचारियों के स्थान्तरण सम्बधी प्रस्ताव पर विचार किया जाना न्याय संगत नहीं है।
- स्थानीय निकायों की खराब आर्थिक स्थित व राज्य वित्त आयोग से की जाने वाली कटौतियों पर कोई सार्थक निर्णय न लिया जाना।
- निकाय कर्मचारियों के वेतन,भत्तो आदि की समानता राज्य कर्मचारियों की भांति न दिए जाने पर विचार नहीं किया जाना तथा वर्तमान समय मे इस भीषण महामारी मे निकायों को अतिरिक्त धनराशि दिये जाने पर विचार किया जाना आदि समस्याओं के निदान हेतु महासंघ द्वारा समय समय पर प्रदेश के मुख्यमंत्री ,नगर विकास मंत्री सहित मुख्यसचिव एवं अपरमुख्य सचिव कार्मिक ,प्रमुख सचिव नगर विकास, निदेशक स्थानीय निकाय आदि को पत्राचार व अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से पत्र सं.380/महासंघ दि.19सितंबर19,पत्र सं.392/महासंघ दि.13दिसंबर 19,पत्र.सं.393/महासंघ दि.28फरवरी 20,पत्र.सं.395/महासंघ दि.30मार्च 20,एवं पत्र.सं.397/महासंघ दि.03 जून 20 के द्वारा अनुरोध किया जा चुका है।
श्री मिश्र में कहा कि प्रदेश के निकाय कर्मचारियों की इतने लम्बे समय से लम्बित इन सभी प्रकरणों तथा समस्याओं पर कोई सार्थक समाधान न किया जा सका,जिससे प्रदेश के कर्मचारियों मे भारी आक्रोश ब्याप्त होना स्वाभाविक है।
ऐसी स्थित मे यदि प्रदेश सरकार/शासन एवं वित्त विभाग व नगर विकास विभाग द्वारा महासंघ द्वारा पूर्व प्रेषित समस्याओं का समाधान व राज्य वित्त आयोग की वगैर कटौती के धनराशि अविलम्ब अवमुक्त नहीं किया गया तो प्रदेश की निकायों का कर्मचारी आन्दोलन हेतु बाध्य होगा।
बैठक/संवाद में प्रदेश के महामंत्री राकेश अग्निहोत्री गाजियाबाद से नैनसिंह चौधरी, कानपुर से वरिष्ठ उपाध्यक्ष रमाकांत मिश्र, गोरखपुर से आरपीसिंह,बरेली से जयपाल पटेल, प्रयागराज से राजेंद्र पालीवाल, अलीगढ़ से संजय सक्सेना,मुरादाबाद से मो.अली वारिसी, मो.शुभान,मेरठ से सतेन्द्र शर्मा,आगरा से विनोद इलाहाबादी, लखनऊ से सै.कैसररजा,गोमती त्रिवेदी, देवीशंकर दुवे आदि कर्मचारी प्रतिनिधियों ने भाग लेकर प्रदेश सरकार से तत्काल इन समस्याओं का समाधान करने का अनुरोध किया गया, वरना प्रदेश के कर्मचारियों के आक्रोश का सामना सरकार, शासन तथा स्थानीय प्रशासन को अवश्य ही करना होगा।