खुशखबरी! भाषा में पीएचडी करने वालों के लिए यहां खुली है लाइब्रेरी, मुफ्त में पढ़ें किताब

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(www.arya-tv.com) प्रयागराज: किसी भी भाषा में अगर आप शोध कर रहे हैं तो आपके लिए खुशखबरी है. दरअसल, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हिंदुस्तानी अकादमी में किसी भी भाषा से पीएचडी कर रहे शोधार्थी अब मुफ्त में ई लाइब्रेरी में भाषा से जुड़ी कोई भी पत्रिका या किताब आसानी से ई-बुक के रूप में प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही उस किताब से जुड़ी जानकारी हासिल कर सकते हैं. इसके लिए शोध कार्य व्यक्तियों को अपना आइडेंटी कार्ड लेकर आना अनिवार्य होगा.

आप भारत के किसी भी विश्वविद्यालय में किसी भी भाषा में शोध कर रहे हैं तो अपना पीएचडी का आइडेंटी कार्ड लेकर आना होगा. यहां लाइब्रेरियन के द्वारा आपको एक टोकन दिया जाएगा जो शोधार्थी के बताए गए किताब के नाम पर होगा. टोकन नंबर मिलने के बाद आप अपने कंप्यूटर में टोकन नंबर को डालेंगे और वह किताब आपके सामने खुलकर आ जाएगी. जिसको ई-बुक के माध्यम से पढ़ सकते हैं.

क्या है इस लाइब्रेरी की विशेषता?
लाइब्रेरियन रतन पांडेय बताते हैं की एक समय था जब यहां शोध के लिए आने वाले विद्यार्थियों को मोटी-मोटी किताबों को पलटना पड़ता था. कुछ ऐसी भी किताबी होती थी जो गायब होने के कगार पर होती थी. कुछ किताबें फोटो कॉपी करने के चक्कर में भी फट जाती थी. लेकिन ई-लाइब्रेरी खुल जाने से अब यहां किताबें एक ही जगह आसानी से मिल जाएगी इसके लिए खोजना और इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

कितनी पुरानी है यह लाइब्रेरी
29 मार्च 1927 को धारा सभा में एक प्रस्ताव के तहत हिंदुस्तानी अकादमी में भाषा से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने के लिए लाइब्रेरी खोली गई. जहां पर 18000 हिंदी की किताबें, ढाई हजार उर्दू की किताबें, 1500 इंग्लिश की किताबें, वहीं 300 किताबें पांडुलिपि की है. जहां पर अब डिजिटलीकरण के द्वारा इन सब किताबों को एक जगह उपलब्ध करा दिया गया है. जिसका फायदा शोधार्थियों को अब सीधा मिलेगा.