इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी उत्तर प्रदेश सरकार को लगाई फटकार: जिला पंचायत चुनाव बना शिक्षा मित्रों के लिए घातक पूरे उत्तर प्रदेश में पसरा मौत का मातम !

Lucknow
Vishal Saxena

(www.arya-tv.com) आर्य मीडिया नेटवर्क के मंच में विशेष संवाददाता विशाल सक्सेना की स्पेशल रिपोर्ट। आज की कवर स्टोरी में होगी चर्चा कि कैसे शिक्षा मित्र चढ़े कोरोना की भेट, एक ऐसी हकीकत जिसे पढ़कर आप भी विचलित हो जायेगे।

पंचायत चुनाव की ड्यूटी से लौटने के बाद पूरे प्रदेश में 550 शिक्षको की मौत हो चुकी है।

सुल्तानपुर: बुखार से पीड़ित शिक्षक सुरेश चंद्र पाठी दूबेपुर ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय उतरी में सहायक अध्यापक नियुक्त थे, कई दिनों से तेज बुखार था, अधिकारियों से जांच करवाने और ड्यूटी कटवाने के आगे गिडगिड़ाता रहा पर नही कटी चुनाव ड्यूटी, नतीजा सोमवार को चुनाव के दौरान हालत बिगड़ गई जिसके बाद उनकी मौत हो गई।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई और स्टेट इलेक्शन कमिशन को नोटिस जारी किया। “Allahabad highcourt issue notices to state election commission on 135 teachers death during poll duty.

प्रयागराज के 28 और प्रदेश भर के 550 अध्यापकों की जिंदगी निगल गया करोना, पंचायत चुनाव के वजह से अकेले प्रयागराज के लगभग एक हजार शिक्षक संक्रमित।

दोस्तो, आपको बता दे, हमारे उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के दौरान संविदा पर कार्यरत शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी में लगा दिया जाता है बिना किसी सुरक्षा के और नतीजा आपके सामने है।

इस तरह की तमाम खबरे सामने आ रही है, बेसिक स्कूलों में चुनाव के दौरान 5 शिक्षकों की मौत, डीपीएस के स्पोर्ट्स हेड वल्लभ सिंह की मौत, सीकरी में इंटर कॉलेज शिक्षक ने तोड़ा दम, झांसी में पंचायत चुनाव कराने वाले 1200 कर्मचारी हुए संक्रमित, बीस से ज्यादा की मौत। हर शहर में मौत, कौन है इसका जिम्मेदार, आज सत्ता की भूख सरकार को इतना संवेदनहीन कर देगी इसका बात का अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।

बेसिक शिक्षा में शोक के लहर, खबर है प्रतापगढ़ की, 5 घंटे तक ऑक्सीजन के अभाव में तड़पते रहे प्रवीण यादव, मौत।

एक एक दास्तान सिरहन पैदा करने वाली है दोस्तों जिसने निशब्द कर दिया है। एक खबर ऐसी भी जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया, खबर है चंदौली से, मां की मौत होने से सिसकियां लेते हुए ड्यूटी निभाता रहा बेटा। चुनाव ड्यूटी में तैनात एक पीठासीन अधिकारी अपनी मां की अर्थी को कंधा ने दे सके। मतदान केंद्र पर ड्यूटी निभाते समय घर से फोन आया की मां का निधन हो गया है। उन्होंने अधिकारियों से छुट्टी मांगी, लेकिन उन्हें जाने नहीं दिया गया। वह आंख में आंसू लिए सिसकियां लेते हुए ड्यूटी निभाते रहे दूसरी तरफ छोटे भाई ने मां का अंतिम संस्कार किया। घटना स्थानीय थाना के रेवसा गांव निवासी अनूप कुमार सैयद रजा नेशनल इंटर कॉलेज में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। Source: अमर उजाला: 27 अप्रैल 21

इसकी जवाबदेही किसकी है और यह सब क्या ऐसे ही चलता रहेगा ? यह एक बहुत बड़ा सवाल है !

यह भी सवाल यह उठता है की इन शिक्षा मित्रों की आवाज क्यों सुनेगी सरकार जब वो मानने को ही तैयार नहीं है की उनकी यह मौतें चुनाव दौरान हो रही है, हमने इसलिए कहा था आज इंसानियत अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई है, जहां इंसान के जीवन का कोई मोल नहीं रह गया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कड़ा रुख दिखाते हुए राज्य सरकार को फटकार लगाई और स्टेट इलेक्शन कमीशन को नोटिस जारी कर जबाव मांगा है।

आजकल हमारी कोर्ट को हर जगह दखल देना पड़ रहा है चाहे वो केंद्र का मुद्दे हो या राज्य का, कितनी अफसोस जनक बात है की जब सरकारें गलत काम को अंजाम दे और देश की अदालतों को हस्तक्षेप कर दिशा निर्देश देने पड़े।

हम सब देश के जिम्मेदार नागरिक है, बस जरूरत है जागरूक बने रहने की।

दूसरो की मदद करे और जागरूक रहे।

आज के लिए बस इतना ही, जल्द मिलेंगे एक नई कवर स्टोरी के साथ, मैं हूं आपका दोस्त:

विशाल सक्सेना विशेष संवाददाता