लंदन से MBA… 2017 में राजनीति में एंट्री… 6 साल में ही मायावती के उत्तराधिकारी, पढ़ें आकाश आनंद का सियासी सफर

# ## Lucknow
(www.arya-tv.com) कांशीराम की तरह ही मायावती ने भी अपने उत्तराधिकारी का ऐलान कर दिया. हालांकि कांशीराम ने अपने परिवार के किसी सदस्य को उत्तराधिकारी नहीं बनाया था, लेकिन मायावती ने अपनी सियासी बागडोर अपने भतीजे आकाश आनंद को सौंपी है.
22 साल पहले 2001 में लखनऊ की रैली में कांशीराम ने मायावती को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था. अब 22 साल बाद मायावती ने अपने छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी बनाया है. रविवार को लखनऊ में आयोजित पार्टी की बैठक में मायावती ने यह ऐलान किया। उनके इस ऐलान के साथ ही इस बात से सस्पेंस खत्म हो गया कि उनका राजनीतिक उत्तराधिकारी कौन होगा। हालांकि उनके इस फैसले से यह सवाल भी उठ रहे हैं कि परिवार से ही उत्तराधिकारी क्यों बनाया गया. क्योंकि  कांशीराम ने अपने परिवार के किसी सदस्य को उत्तराधिकारी नहीं बनाया था.बता दें कि 1995 में जन्मे आकाश आनंद ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नोएडा कर गुरुग्राम से हासिल की इसके बाद उन्होंने 2013 से 2016 तक लंदन के यूनिवर्सिटी ऑफ़ प्लायमाउथ से एमबीए की डिग्री हासिल की. शुरुआत में आकाश ने कुछ कंपनियां खोली, लेकिन 2017 में उन्होंने राजनीति में एंट्री की. तभी से इस बात के कयास लगाए जाने लगे थे कि आकाश आनंद मायावती के उत्तराधिकारी हो सकते हैं
2019 के लोकसभा चुनाव में मायावती ने आकाश आनंद को स्टार प्रचारक बनाकर स्पष्ट संदेश दे दिया था कि भविष्य में वे बड़ी जिम्मेदारी संभालने वाले हैं. इसके बाद मार्च 2022 में मायावती ने आकाशको नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाकर सबको चौंका दिया. आकाश आनंद की शादी इसी साल मार्च महीने में बसपा के पूर्व राज्य सभा सांसद अशोक सिद्धार्थ की पुत्री डॉ प्रजा के साथ हुई है
आकाश आनंद ने पार्टी में शामिल होने के बाद सबसे पहला काम पार्टी को सोशल मीडिया पर एक्टिव किया। वे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर मायावती का सारा काम भी वही देखते हैं. इसके अलावा वे स्पोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से युवाओं को पार्टी के साथ जोड़ने में भी लगे हुए हैं. एक्स पर आकाश आनंद के 184 लाख और फेसबुक पर 53 हजार फॉलोवर्स हैं.
दरअसल, आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी बनाने के पीछे की एक वजह यह भी है कि कांशीराम के साथ पार्टी बनाने वाले और मायावती के साथ के साथ काम करने वाले तमाम पुराने और दिग्गज नेता पार्टी छोड़कर जा चुके हैं. ऐसे में मायावती ने एक युवा चेहरे जो उत्तराधिकारी चुना है, क्योंकि आने वाले वक्त में उनका सामना अखिलेश यादव, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और दलितों में लोकप्रिय हो रहे चंद्रशेखर युवा जैसे चेहरों से भी है.