(www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले एक तरफ जहां राजनीतिक पार्टियों दूसरी पार्टी के बड़े नेताओं को अपनी पार्टियों में शामिल करने की कोशिशों में जुटी हैं, तो वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती लगातार अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से बचे खुचे बड़े नेताओं को भी बाहर का रास्ता दिखा रही हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में लगभग एक दर्जन नेताओं ने पार्टी की डोर को छोड़ा और समाजवादी पार्टी, बीजेपी समेत दूसरी राजनीतिक पार्टियों में अपनी जगह बनाई. एक बार फिर लोकसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी में पश्चिमी यूपी के इमरान मसूद, धर्मवीर चौधरी और प्रशांत गौतम जैसे नेताओं को अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में बसपा सुप्रीमो मायावती ने बाहर का रास्ता दिखा दिया.
हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती की सख्ती उनकी पार्टी के लिए कितनी फायदेमंद साबित होगी या उनके नेताओं के बाहर जाने से उनके कैडर वोट पर कितना असर पड़ेगा यह अपने आप में बड़ा गंभीर सवाल है. वरिष्ठ पत्रकार प्रभात त्रिपाठी कहते हैं कि मायावती ने इससे पहले भी अपने कई फैसलों से राजनीतिक गलियारों में सबको चौंकाया है. मायावती के फैसले कितने हितकारी या कितने नुकसानदेह साबित होंगे यह आने वाला वक्त ही बताएगा.
दरअसल, उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी ने इस साल एक के बाद एक कई नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. बसपा प्रमुख मायावती की ओर से लिए गए फैसलों की अब चर्चा होने लगी है. जून 2023 से अब तक पार्टी से तीन प्रमुख नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है. बसपा से प्रशांत गौतम, इमरान मसूद और धर्मवीर चौधरी जैसे नेताओं को अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पार्टी से बाहर कर चुकी है. बसपा सूत्रों का कहना है कि मायावती के इन फैसलों से कैडर में असंतोष की स्थिति पैदा हो रही है.2016 के बाद से पार्टी ने कई नेताओं को अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी कार्यों के लिए निष्कासित कर दिया है. गाजियाबाद के जाट नेता धर्मवीर चौधरी को पार्टी की ओर से मीडिया और टीवी बहस में भाग लेने के लिए निष्कासित कर दिया गया था. वे 27 सालों से पार्टी से जुड़े हुए थे. सहारनपुर के प्रभावशाली मुस्लिम नेता इमरान मसूद को राहुल गांधी की प्रशंसा के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. इमरान मसूद को तो खुद मायावती ने अक्टूबर 2022 में बड़े धूमधाम से पार्टी में शामिल किया था. उन्हें केवल कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की तारीफ करने के बाद निष्कासित कर दिया गया. दूसरी ओर, मेरठ के वरिष्ठ नेता प्रशांत गौतम को पार्टी प्रमुख मायावती को खुला पत्र लिखने के आरोप में निकाला गया. मई में यूपी के नगर निकाय चुनावों में पार्टी की हार के बाद उन्होंने पत्र लिखा था, जिसमें कहा था कि मायावती को सीएम योगी आदित्यनाथ और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की तरह पार्टी नेताओं के लिए प्रचार करना चाहिए था.