रोजगार से जुड़े सभी क्षेत्रों का बीबीएयू में डिग्री,डिप्लोमा,सर्टिफिकेट कोर्स नए सत्र से प्रवेश आरम्भ होंगे : प्रो.राजकुमार मित्तल

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  • एडमिशन सेल कमेटी के चेयरपर्सन प्रो. अमित कुमार सिंह ने सभी कोर्सो की विस्तृत जानकारी दी

 बीबीएयू में 11 जून को शैक्षणिक सत्र 2025-26 में शुरू होने वाले नये स्नातक, स्नातकोत्तर डिप्लोमा, प्रमाणपत्र, और डिप्लोमा कोर्स की शुरुआत एवं मौजूदा पाठ्यक्रमों में जारी प्रवेश प्रक्रिया हेतु प्रेस मीट का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने की। इसके अतिरिक्त मंच पर कुलसचिव डॉ. अश्विनी कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक प्रो. विक्रम सिंह यादव, एडमिशन सेल कमेटी के चेयरपर्सन प्रो. अमित कुमार सिंह एवं सहायक जनसंपर्क अधिकारी डॉ. अरविन्द कुमार सिंह उपस्थित रहे।
             विवि कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने जानकारी देते हुए बताया कि नये पाठ्यक्रमों में स्नातक, स्नातकोत्तर डिप्लोमा, प्रमाणपत्र तथा डिप्लोमा कोर्स शामिल किए गए हैं, जिन्हें ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ एवं वर्तमान समय की शैक्षणिक और व्यावसायिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। साथ ही इन पाठ्यक्रमों की शुरुआत एक सुव्यवस्थित रणनीति के अंतर्गत की जाएगी। ये कोर्स छात्रों को आधुनिक तकनीकी दक्षताओं, व्यावसायिक ज्ञान और अनुसंधान की समझ प्रदान करने में सहायक होंगे। पाठ्यक्रमों में विशेष रूप से स्किल बेस्ड कोर्स शामिल किए जाएंगे, जिनका उद्देश्य छात्रों को रोजगारपरक और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करना होगा। संबंधित क्षेत्रों से सेवानिवृत्त अनुभवी विशेषज्ञों को भी इन कोर्सों में योगदान देने का अवसर मिलेगा, जिससे छात्रों को वास्तविक अनुभव पर आधारित शिक्षण मिल सकेगा। साथ ही, विश्वविद्यालय में यूजी इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रमों की भी शुरुआत की जाएगी, जो छात्रों को एक ही छत के नीचे बहुआयामी शिक्षा प्रदान करेंगे।

इसके अतिरिक्त प्रो. मित्तल ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा की गई यह पहल युवाओं को रोजगारोन्मुख, नवाचारपरक और विषयगत गहराई से युक्त शिक्षा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। क्योंकि विश्वविद्यालय प्रशासन का लक्ष्य केवल अकादमिक विकास तक सीमित न रहकर विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की दिशा में कार्य करना है। इसके लिए छात्रावास सुविधाओं, आधारभूत ढांचे, स्टार्टअप्स और उद्यमिता को भी बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे युवा आत्मनिर्भर बन सकें।

प्रो. मित्तल के अनुसार विश्वविद्यालय का यह प्रयास शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के संतुलन को स्थापित करते हुए एक समावेशी और उन्नत शैक्षणिक वातावरण का निर्माण करना है। इसके लिए विश्वविद्यालय ने सभी हितधारकों से सहयोग की अपील की है, ताकि संस्थान के समग्र विकास में हर किसी की भागीदारी सुनिश्चित हो सके।

साथ ही कुलपति  ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सराहनीय पहल की गई है, जिसके अंतर्गत पीएच.डी. में प्रवेश लेने वाले प्रत्येक छात्र को एक पौधा लगाना अनिवार्य होगा। छात्र न केवल उस पौधे को लगाएगा, बल्कि अपने शोधकाल के दौरान उसकी नियमित देखभाल भी करेगा। साथ ही थीसिस जमा करते समय छात्र को उस पौधे का जियो-टैग युक्त फोटोग्राफ भी अपनी शोधप्रविष्टि के साथ प्रस्तुत करना होगा। इस नवाचारपूर्ण प्रयास का उद्देश्य शोधार्थियों में पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता और जिम्मेदारी की भावना विकसित करना है। इस पहल के माध्यम से छात्रों को प्रकृति के साथ जुड़ाव का अवसर मिलेगा तथा विश्वविद्यालय परिसर को भी हरित और स्वच्छ बनाए रखने में योगदान मिलेगा।
                प्रो. अमित कुमार सिंह ने सत्र 2025–26 से प्रारंभ होने वाले नये पाठ्यक्रमों की विस्तृत जानकारी, विशेषताओं, उद्देश्यों और भविष्य में छात्रों को मिलने वाले लाभों पर प्रकाश डाला। साथ ही, प्रवेश प्रक्रिया की रूपरेखा, आवेदन की तिथि, योग्यता मानदंड तथा चयन प्रक्रिया से संबंधित महत्वपूर्ण विवरण भी प्रस्तुत किये।