आदित्‍य ने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़, डिजाइनिंग में आगे बढ़ाया कदम

Meerut Zone

(www.arya-tv.com) कुछ नया करने के लिए नई सोच जरूरी है। नई सोच के लिए नया नजरिया बेहद जरूरी है। नए नजरिए के साथ जब आप कुछ नया बिना किसी दूसरे को देखे बनाने की कोशिश करते हैं तो उसकी हर छोटी-बड़ी कमियों व खामियों से होकर गुजरते हुए अंत परिणाम बेहद खूबसूरत, सबसे अलग और महत्वपूर्ण बनकर सामने आता है। ऐसे ही आइडियाज पर काम करते हुए मेरठ के आदित्य कपूर लोगों के घरों, कालोनियों को सुंदर बनाने में अपना योगदान दे रहे हैं। सेंट मेरीज एकेडमी से स्कूली शिक्षा और इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग आइआइएमटी इंजीनियरिंग कालेज से की। छोटी उम्र से ही चीजों को खुद से बनाने की ललक के साथ आदित्य ने अपने इंजीनियरिंग के प्रोजेक्ट भी खुद ही बनाए। अच्छा-खराब बनाते हुए आदित्य वर्तमान में अपनी बेहतरीन लाइट डिजाइनिंग और काष्ठ शिल्प का कुछ ऐसा समन्वय स्थापित किया है उनकी कला को ईरान तक सराहना मिल चुकी है।

नौकरी छोड़कर बदला रास्ता

साल 2012 में इंजीनियरिंग करने के बाद आदित्य ने गुणगांव में नौकरी भी की। नौकरी में करीब तीन साल काम करने के बाद छोड़ दिया और सरकारी नौकरी की तैयारी करने के साथ ही साल 2015 में आटोमेशन का कोर्स किया। वहीं आदित्य की मुलाकात कुछ दोस्तों से हुई जो एंट्रेप्रेन्योर बनने के विजन के साथ आगे बढ़ रहे थे। यहां आदित्य को समझ में आया कि किस तरह खरबूजा खरबूजे को देखकर रंग बदलता है। फिर क्या था, आदित्य ने भी अपना लक्ष्य निर्धारित कर लिया और कुछ अपना बिजनेस करने की बात मन में उबाल मारने लगी। यहीं से उन्होंने अपना एक अलग ब्रांड बनाने का मन बना लिया।

काष्ठ कला और लाइट्य की इंजीनियरिंग

मेरठ में गंगानगर स्थित ग्रेटर गंगा कालोनी निवासी आदित्य कपूर ने कला, तकनीक व सुंदरता को व्यवसायिक रूप देकर काष्ठ कला से फूल पत्तियां, पेड़-पहाड़, झोपड़ी, उगता व अस्त होता सूरज, पिघलती मोमबत्ती जैसे दृश्यों की शानदार प्रस्तुति दी है। इनमें लाइट, डिजाइनिंग और इंपोर्टेड लकड़ी का इस्तेमाल करते हैं। इसके साथ ही आदित्य की आटोमेटिक डिवाइस 50 से 70 मीटर दूरी से ही इन लाइट्स को आन या आफ किया जा सकता है। लाइट्स की मनमोहक श्रंखला लोगों को आकर्षित करती हैं। साल 2012 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद छोटी पूंजी के साथ स्टार्टअप शुरू करने वाले आदित्य वर्तमान में देश में प्रदेश की सीमाओं को पार करने के साथ ही देश की सीमा पार कर भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

बनाया लकड़ी का सर्टिफिकेट

आदित्य के काष्ठ कला की सराहना ईरान तक पहुंच चुकी है। आदित्य ने वुडन सर्टिफिकेट बनाकर लोगों को चौकाया और आकर्षित भी किया। उनके वुडन सर्टिफिकेट को चेन्नई की एक कंपनी ने ईरान की राजधानी तेहरान तक पहुंचा दिया। तेहरान में नेवी अपुसरों की टेबल के अलावा सम्मान समारोह में भी रखे जाते हैं। यह सर्टिफिकेट आदित्य ने करीब एक महीने में तैयार किया था। लकड़ी की छान को विनियर करने के बाद उसे हल्की आंच पर तपाया गया। उउसके बाद वर्निश और लेजर से इसकी छपाई की गई। आदित्य का वुडन सर्टिफिकेट देश भर में पसंद किया जाता है। यहां तक की सांसद मेनका गांधी भी यह सर्टिफिकेट मंगवा चुकी हैं।

कालेज में ही बना लिया था साउंड सिस्टम

आदित्य के अनुसार कालेज के दौरान ही उन्होंने एक अलग तरह का साउंड सिस्टम बनाया था। इसमें होम थिएटर का अनुभव लेने वाला सिस्टम उन्होंने स्वयं तैयार कर लिया था। कालेज में प्रोजेक्ट के तौर पर बनाए उस साउंड सिस्टम वर्तमान में आदित्य का कैननशेस नामक एक ब्रांड बन चुका है और लोगों को पसंद भी आ रहा है। कालेज में ही आदित्य ने घर की सुरक्षा के लिए एक सर्विलांस रोबोट भी बनाया था। सीसीटीवी कैमरे में चोरी होते हुए देख के भी आप कुछ कर नहीं सकते लेकिन इस रोबोट के जरिए चोरों पर हमला भी कर सकते हैं। इससे चिंगारी और सामान्य नान लीथल गन भी लगाई थी जो सामान्य चोरों को डराकर भगाने के लिए काफी थी।

साल 2018 में शुरू हुआ रिसर्च का सफर

आदित्य के अनुसार साल 2018 में उनकी मुलाकात आइआइएमटी रिसर्च एंड डेवलपमेंट फील्ड के इंजीनियर संदीप वर्मा से उनकी मुलाकात हुई। पता चला कि दोनों बैच मेट भी रहे। यहां से दोनों का नया सफर शुरू हुआ। दोनों ने साथ मिलकर आइआइएमटी सेल के कुछ प्रोजेक्ट में सहयोग दिया। उन प्रोजेक्ट्स पर सफलता से काम करने के बाद उसे लोगों के इस्तेमाल योग्य भी बनाने में मदद किया।

विभिन्न प्रोजेक्ट्स में दिया योगदान

आदित्य के अनुसार रिसर्च एंड डेवलपमेंट के प्रोजेक्ट्स पर काम करने के बाद उन्होंने बेंगलुरू की कंपनी के साथ प्रोजेक्ट का हिस्सा बने जिसमें दिल्ली से देहरादून तक इलेक्ट्रिक वेहिकल रैली का आयोजन किया जाना था। इसके सफल आयोजन के लिए देहरादून हाइवे के पांच प्रमुख जगहों पर पुरानी कारों के लिए चार्जिंग स्टेशन इंस्टाल कर दिया था। इसके साथ ही लाइटिंग कंसलटेंसी भी शुरू की जिसमें घरों, जिमनेजियक, क्लबों में सुंदर लाइटिंग का डिजाइन किया। लाइटिंग कंसलटेंसी में रास्तों या कालोनियों में कितने वोल्टेज की लाइट कितनी दूरी पर और कितनी ऊंचाई पर लगाई जाए कि उसका उपयुक्त लाभ लाइट के तौर पर मिलेगा, इसके बारे में भी तकनीकी कंसलटेंसी दी। वर्तमान ग्रीन्स कालोनी में उन्होंने अजंता बिल्डर्स के साथ यह काम किया भी है। इसी कड़ी में आदित्य ने अपना ग्लैमलाइट नामक ब्राड बनाया और उसी के जरिए अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।