सरोजनी नगर में मातृशक्ति का नवजागरण – डॉ. राजेश्वर सिंह का सशक्तिकरण अभियान”

Lucknow
  • “मातृशक्ति का सशक्तिकरण ही भारत के विकास का वास्तविक आधार है” – डॉ. राजेश्वर सिंह
  • ताराशक्ति केंद्रों से डिजिटल लाइब्रेरी तक: सरोजनीनगर में महिलाओं का आत्मनिर्भर भारत मॉडल
  • शिक्षा, कौशल और आत्मविश्वास – सरोजनी नगर बना नारी उत्थान का केंद्र
  • AI से आत्मविश्वास तक – सरोजनी नगर की बेटियाँ बदल रहीं हैं भारत का डिजिटल भविष्य
  • “समान भागीदारी से विकसित भारत 2047 की ओर – सरोजनी नगर दे रहा है उदाहरण”

लखनऊ। ‘मातृशक्ति का उत्थान = भारत का उत्थान’, इसी भाव के साथ सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक सशक्त संदेश जारी किया। अपने संदेश मेंडॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि जब मातृशक्ति आगे बढ़ती है, तो भारत उठ खड़ा होता है।

  •  विश्व बैंक के अनुसार, यदि भारत में पुरुषों जितनी महिलाएँ कार्यक्षेत्र में आएँ, तो GDP में 27 % की वृद्धि संभव है।
  •  फिर भी आज केवल 41 % मातृशक्ति कार्यबल में सक्रिय है (PLFS 2023)।
  • “मातृशक्ति का जागरण ही भारत की प्रगति का सबसे बड़ा इंजन है।” – डॉ. राजेश्वर सिंह
  • आत्मनिर्भर मातृशक्ति = आत्मनिर्भर भारत
  •  ILO रिपोर्ट के अनुसार, जब कोई महिला कमाती है तो परिवार की शिक्षा पर 90 % तक अधिक खर्च होता है।
  •  डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि कामकाजी माताएँ न केवल अपने परिवार को संभालती हैं, बल्कि राष्ट्र की सामाजिक पूँजी का निर्माण करती हैं।
  • “जब माँ कमाती है, तो बच्चों के सपने पंख पाते हैं।” – डॉ. राजेश्वर सिंह
  • सरोजनीनगर – नारी सशक्तिकरण का राष्ट्रीय उदाहरण

डॉ. राजेश्वर सिंह के नेतृत्व में सरोजनीनगर ने महिलाओं के आत्मनिर्भरता मॉडल को जन आंदोलन बना दिया है –

  •  160 ताराशक्ति केंद्रों पर हज़ारों महिलाएँ सिलाई, कढ़ाई, डिज़ाइनिंग और उद्यम से आत्मनिर्भर हो रही हैं।
  • 14 RBS Digital Empowerment Centres में बेटियाँ AI, Coding और English Communication सीख रही हैं।
  •  Sarojini Nagar Sports League ने नारी शक्ति में आत्मविश्वास की नई लहर लाई है।

“यह केवल विकास नहीं, बल्कि सामाजिक पुनर्जागरण है।” – डॉ. राजेश्वर सिंह

शिक्षा, कौशल और खेल – मातृशक्ति के तीन पंख

डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार की योजनाओं से बालिकाओं को नई दिशा मिली है —

  •  छात्रवृत्तियाँ और साइकिल वितरण से लाखों बालिकाएँ विद्यालय पहुँच रही हैं।
  • सरोजनीनगर में 700 से अधिक मेधावी बालिकाओं को लैपटॉप और साइकिलें प्रदान की गईं, यह संदेश देते हुए कि “मेहनत ही सम्मान है।”

ये आँकड़े दिखाते हैं कि नारी शक्ति अब सीमाएँ नहीं, इतिहास बदल रही है।

हर पंचायत से हर संस्थान तक – समान भागीदारी का संकल्प

डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा, “अब समय है ‘अनुमति’ से ‘भागीदारी’ की ओर बढ़ने का। हर पंचायत, हर कार्यालय और हर संस्थान में मातृशक्ति की समान उपस्थिति Atmanirbhar Bharat, Viksit Bharat और Digital Bharat का सच्चा अर्थ है।”

भविष्य की ओर – विकसित भारत 2047 में मातृशक्ति की भूमिका

भारत विश्व की सबसे युवा जनसंख्या वाला देश है।
यदि हर बेटी को शिक्षा, रोज़गार और उद्यम के अवसर मिलें, तो भारत 2047 तक Viksit Bharat और Vishva Guru Bharat दोनों बन सकता है।