लखनऊ में पराली की चिंगारी से पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट.. 3 किलोमीटर तक सुनाई दी आवाज, दिखा धुएं का गुबार

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छतौनी रोड किनारे खेत में बनी पटाखा भंडारण और निर्माण फैक्ट्री में बुधवार सुबह विस्फोट के साथ आग लग गई। धमाके आवाज करीब तीन किलोमीटर तक सुनाई दी और फैक्ट्री की दीवार व टीनशेड उड़ गए। कई किलोमीटर दूर तक धुएं का गुबार भी दिखा।नगराम पुलिस और दमकल टीम ने अभियान चलाकर आग पर काबू पाया। फैक्ट्री के बगल में खेतों की जलाई गई पराली की चिंगारी से आग लगने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल ने बताया कि फैक्ट्री संचालक के पास 2027 तक का पटाखा बनाने का लाइसेंस है।

नगराम के करोरा निवासी मोहम्मद जुबेर ने बताया कि भाई इशरत अली की पटाखा फैक्ट्री में दीपावली पर बचा हुआ भारी मात्रा में गोला, बारूद, पटाखे और अन्य विस्फोटक सामग्री रखी थी। फैक्ट्री के आसपास कुछ खेतों में धान की फसल कट चुकी थी और इनकी पराली खेत में ही पड़ी है। बुधवार सुबह किसान राजाराम के खेत में बटाईदार ऊदल ने पराली में आग लगा दी। इसी की चिंगारी फैक्ट्री तक पहुंच गई और इसकी वजह से अंदर रखे सामान में आग लग गई। कुछ ही देर में इसमें भीषण विस्फोट हो गया।

घटना के बाद नगराम पुलिस और दमकल को सूचना दी गई। मौके पर पहुंच कर टीम ने संयुक्त रूप से अभियान चलाकर आग पर काबू पाया। नगराम पुलिस की महिला सिपाही समेत अन्य पुलिसकर्मी बाल्टियों की मदद से आग बुझाने का प्रयास करते रहे। जानकारी मिलते ही डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल व एसीपी मोहनलालगंज विकास पांडेय मौके पर पहुंचे। डीसीपी ने बताया कि इशरत के पास फैक्ट्री संचालन का 2027 तक का वैध लाइसेंस है। फैक्ट्री में नियमों का पालन हो रहा था की नहीं, इसकी जांच की जा रही है।

फैक्ट्री मालिक व पत्नी मामूली रूप से घायल

बताया जा रहा है कि जिस समय फैक्ट्री में धमाके साथ आग लगी, उस वक्त मालिक इशरत अली और पत्नी वहां मौजूद थे। हादसे में वे मामूली रूप से घायल हुए हैं। पुलिस मौके पर पहुंची तो इशरत अली नहीं मिला। ग्रामीणों में चर्चा है कि कार्रवाई के डर से दोनों पुलिस के सामने न आकर निजी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। उनके साथ ही एक अन्य मजदूर के घायल होने की भी सूचना है। हालांकि पुलिस ने किसी के घायल होने की पुष्टि नहीं की है।