(www.arya-tv.com) लखनऊ नगर निगम की टीम ने हाउस टैक्स बकाया पर पैसा वसूलने के लिए एक अनोखा रास्ता निकाला है। नगर निगम की टीम सुबह 7 बजे से दुकानों को सील कर रही है। स्थिति यह है कि सुबह 11 या 12 बजे जब दुकानदार अपना बिजनेस शुरू करने आता है तो उसके उसकी दुकान सील रहती है और नगर निगम का वहां नोटिस चस्पा रहता है। अब अगर वह सील तोड़ता है तो सरकारी काम में रूकावट पैदा करने पर उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हो जाएगा। पिछले तीन दिन में शहर में करीब 600 से ज्यादा दुकान और आवास सील किया गया है, उसमें से 80 फीसदी कार्रवाई सुबह 11 बजे से पहले हो जा रही है।
नगर निगम जोन छह से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि पुराने लखनऊ में अगर दिन में टीम जाएगी तो वहां विरोध की वजह से कोई काम नहीं हो पाएगा। स्थिति यह है कि भीड़ नगर निगम कर्मचारियों को कई बार मारने के लिए दौड़ा लेती है। इसके अलावा अपने रसूख का इस्तेमाल भी कारोबारी और बिल्डर विरोध करने लगते है, ऐसे में सुबह कार्रवाई की जा रही है। उसने बताया कि पहले से ही सबको नोटिस दे दिया गया है। ऐसे में बड़े स्तर पर कोई आपत्ति भी नहीं हो पाती है।
60 फीसदी से ज्यादा लोग अपना हाउस टैक्स जमा नहीं करते
नगर निगम में ब्याज और मूलधन जोड़कर हाउस टैक्स का करीब 900 करोड़ रुपए का बकाया है। अधिकारियों के दावे के बाद भी करीब 60 फीसदी से ज्यादा लोग अपना हाउस टैक्स जमा नहीं करते है। चुनावी साल होने की वजह से इस बार नगर निगम बड़े स्तर पर सीलिंग की कार्रवाई भी नहीं कर पाया है, ऐसे में अब बड़े स्तर पर कार्रवाई शुरू हुई है। शनिवार को शहर के अलग – अलग जोन को मिलाकर करीब 240 जगह पर सीलिंग की कार्रवाई की गई।
नगर निगम पर प्रदर्शन का ऐलान
इससे पहले नगर निगम की टीम ने गुरुवार की सप्ताहिक बंदी के दिन चोरी-छिपे दुकानें सील कर दी थी। हद तो तब हो गई जब एक गार्ड को भी दुकान के साथ सील कर दिया गया। लखनऊ व्यापार मंडल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जीतेंद्र सिंह चौहान ने नगर निगमकी निंदा करते हुए कहा था कि यह व्यावहारिक नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले 2 साल से आर्थिक मंदी की मार झेल रहे कारोबारियों को कुछ समय देना चाहिए था। बिना किसी नोटिस दिए साप्ताहिक बंदी के दिन दुकानें सील नहीं की जा सकती। वही लखनऊ में प्रमंडल के महामंत्री अभिषेक खरे ने कहा कि इसके खिलाफ संगठन एकजुट है और नगर निगम पर प्रदर्शन का ऐलान किया था।