(www.arya-tv.com) पहले चरण के मतदान की 10 फरवरी को वेस्ट यूपी से शुरूआत हो रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पहले व दूसरे चरण में चुनाव होना है। मतदान शुरू होने में 24 घंटे से भी कम का वक्त बचा है। वहीं पहले चरण से पहले ही सरकार की बेचैनी भी बढ़ने लगी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर पूर्वांचल तक खुफिया विभाग की अलग इकाई सीटों का गणित खंगाल रही हैं। सरकार के वरिष्ठ नौकरशाह गोपनीय ढंग से जानकारी करने के लिए बेताब हैं।
11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान
पहले चरण में वेस्ट यूपी के 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान होना होना है। पहले चरण से जो हवा वेस्ट यूपी से जाएगी उसका असर पूर्वांचल तक माना जा रहा है। दूसरा चरण सरकार के लिए पहले से ही मुसीबत बनकर खड़ा है, इसमें अधिकांश सीटे मुरादाबाद मंडल की हैं। इन सीटों में मुस्लिम वोटों की संख्या का प्रतिशत ठीकठाक है। तीसरे व चौथे चरण में जिन क्षेत्रों में चुनाव हो रहा है वहां पहले से सपा का गढ़ है। आखिरी के तीन चरणों के लिए भी सरकारी तंत्र की बेचैनी बढ़ी हुई हैं।
कई बड़े नौकरशाह इस जिम्मेदारी में लगाए
सरकार ने अपने कई बड़े नौकरशाह इस जिम्मेदारी में लगाए हैं। इनमें कुछ अलग अलग बिरादरी के हैं जो वरिष्ठ पदों पर तैनात हैं। इनके अलावा दूसरे राज्यों के अफसर भी गोपनीय ढंग से लगाए हैं जो पूर्व में यूपी में तैनात रह चुके हैं। राजनीतिक दलों के नेता अपना वोट बैंक अधिक बढ़ाकर बता रहे हैं। ऐसे में मीडिया के लोगों से भी चुनाव का माहौल भांपा जा रहा है। यह भी बताया जा रहा है की कई अधिकारी तो अलग अलग जिलों में रिपोर्ट लेकर सरकार को अवगत करा रहे हैं।
किसान आंदोलन पर सबसे ज्यादा आकलन
वेस्ट यूपी को लेकर किसान आंदोलन के असर पर सबसे ज्यादा आकलन किया जा रहा है। सरकार यह जानने के लिए प्रयास कर रही है की किसान आंदोलन वेस्ट यूपी में कितना प्रभावित कर रहा है। क्योंकि सपा व आरएलडी अपने गठबंधन में किसान आंदोलन को ही मुख्य मु्द्दा बनाए हुए है। किसानों का जनाधार अधिक है, इसी से सरकार चितिंत बताई जा रही है।
जाट बिरादरी की वोटों पर ली जा रही है रिपोर्ट
दूसरा सबसे ज्यादा रिपोर्ट जाट बिरादरी की वोटों पर ली जा रही है। वेस्ट यूपी की 72 सीटों पर जाटों का प्रभाव माना जाता है। 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के बाद जाट सपा व लोकदल से छिटक कर भाजपा का वोट बन गया। इसी का नतीजा रहा है की 2014 के लोकसभा चुनाव, 2017 में विधानसभा व 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने वेस्ट यूपी में ही बढ़त बनाई। सरकार जानने का प्रयास कर रही है गठबंधन पर कितने प्रतिशत जाट जा रहा है।
दलित बीएसपी में जा रहे हैं या भाजपा में
खुफिया तंत्र इनपुट खंगाल रहा है दलित हिंसा पर, क्या दलित बीएसपी में जा रहे हैं या भाजपा में हैं। भाजपा को कितना फायदा दलित से मिल रहा है। बसपा व भाजपा के अलावा यह भी जानने का प्रयास किया जा रहा है कि दलित क्या गठबंधन पर जा रहा है या नहीं। दलितों के साथ मुस्लिम कितना बंट रहा है। मुस्लिम सपा के साथ ही है या कुछ अन्य पर भी जा रहा है।
सरकारी तंत्र का चौथा इनपुट कानून व्यवस्था पर
सरकारी तंत्र का चौथा इनपुट कानून व्यवस्था पर खंगाल रहा है। कानून व्यवस्था सुधारने के लिए यूपी सरकार दावे कर रही है। ऐसे में सभी वर्गो से यह जानने का प्रयास किया जा रहा है की कानून व्यवस्था का क्या असर है। क्या हिंदु वर्ग की सभी बिरादरी में कानून व्यवस्था मु्द़दा है या नहीं। कौन कौन सी कानून व्यवस्था सुधरने से प्रभावित हुईं हैं।
पूर्वांचल में लगातार नब्ज टटोली जा रही है
लखीपुर में किसान आंदोलन के दौरान केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे द्वारा किसानों को कुचलने के बाद हुई हिंसा के बाद पूर्वांचल में लगातार नब्ज टटोली जा रही है। जिनमें यह देखा जा रहा है की इसे विपक्ष मुद्दा बना रहा है यह कितना प्रभावित कर रहा है। पूर्वांचल के साथ मध्य यूपी में भी ओबीसी वोटरों को देखा जा रहा है की वह सरकार के साथ कितना है। गठबंधन की क्या स्थिति है।
