मगरमच्छ की मौत होने पर ग्रामीणों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज

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(www.arya-tv.com) घर में घुसे मगरमच्छ की ग्रामीणों की पिटाई से मौत हो गई। वन दारोगा ने गांव के 15-20 लोगों के विरुद्ध वन संरक्षण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है। रिपोर्ट दर्ज कराए जाने को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त हो गया है।

करीब एक सप्ताह से डीह रजबहा में मगरमच्छ देखा जा रहा था। उसने एक सुअर को निवाला भी बना लिया था। खौफजदा ग्रामीणों की सूचना के बाद भी वन विभाग के कर्मचारी उसे पकड़ने के लिए संजीदा नहीं दिखे। मंगलवार देर रात वह पूरे जोड़ई मजरे चंदापुर निवासी राम सजीवन के बरामदे में पहुंच गया। गृह स्वामी के शोर मचाने पर इकट्ठा ग्रामीणों ने मगरमच्छ को लाठी-डंडे से जमकर पीटा। यही नहीं, बांस में हसिया बांधकर उसे गम्भीर रूप से घायल कर दिया और फिर उसको रस्सी से बांध दिया था। बुधवार की सुबह प्रभागीय वनाधिकारी की अगुवाई में वन विभाग के कर्मचारी व अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। घायल मगरमच्छ को लखनऊ स्थित क्रोकोडाइल रिसर्च सेंटर ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते मे नगराम के पास उसकी मौत हो गई। तीन सदस्यीय पशु चिकित्सकों की टीम ने मगरमच्छ का पोस्टमार्टम किया था। बीट के वन दारोगा कृष्ण गोपाल शर्मा ने गांव के 15-20 लोगों के विरुद्ध वन संरक्षण अधिनियम के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसकी जांच शुरू हो गई है।

वहीं, रिपोर्ट दर्ज होने की जानकारी हुई तो ग्रामीण खफा हो गए। उनका कहना है कि सूचना के बाद वन विभाग व प्रशासन हरकत में नहीं आया। मगरमच्छ को पकड़वाने की कोई भी पहल नहीं की। गांव में मगरमच्छ घुसने के बाद खतरा बढ़ गया था। ग्रामीणों ने अपने बचाव में ही उसकी पिटाई की है। वन क्षेत्राधिकारी अनुज रंजन ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज होने के बाद जांच शुरू कर दी गई है।