छात्रों के अटेंडेंस को लेकर सीबीएसई हुआ सख्त

Education
स्कूलों में छात्रों के अटेंडेंस के मामले में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने सख्ती दिखाई है। इस संबंध में बोर्ड ने स्कूलों को एक नया निर्देश जारी किया है। बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, साल 2019 के नतीजों का आंकलन करने पर पाया गया कि कम हाजिरी (अटेंडेंस) वाले बच्चों को छूट दी गई और उन्होंने सीबीएसई परीक्षाओं में खराब प्रदर्शन किया। इस कारण ऐसे बच्चों के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) तैयार करनी पड़ी।

बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘ऐसा पाया गया कि छात्र, अभिभावक और स्कूल नियमों का कठोरता से पालन नहीं कर रहे हैं। छात्र उपस्थिति में छूट पाने के लिए जरूरी दस्तावेज और प्रमाण पत्र भी जमा नहीं करा रहे। साथ-साथ स्कूल भी सीबीएसई को उपस्थिति की कमी के मामलों के बारे में सूचित नहीं कर रहे हैं।’

अब किन नियमों का करना होगा पालन

सीबीएसई अधिकारी के अनुसार, ‘सभी मामलों में स्कूल को अभिभावकों द्वारा दिए अनुरोध पत्र, संबंधित अधिकारियों द्वारा जारी प्रमाणपत्र और आवश्यक परफॉर्मा में संबंधित स्कूल की सिफारिश संबंधी दस्तावेज जमा कराने होंगे।’

हर शैक्षणिक सत्र में स्कूलों को एक जनवरी तक उपस्थिति संकलित करनी होगी। कम उपस्थिति के मामलों की पहचान करनी होगी। दस्तावेजों के साथ मामलों को सात जनवरी तक सीबीएसई के क्षेत्रीय कार्यालय में भेजना होगा।

क्षेत्रीय कार्यालय दस्तावेजों में किसी भी प्रकार की कमी के बारे में स्कूलों को बतांएगे। फिर स्कूलों के पास इसका अनुपालन करने की समय सीमा होगी। सीबीएसई द्वारा इस मामले में मंजूरी देने के लिए अंतिम तिथि सात फरवरी होगी।

पहले से उपस्थिति के मामले में क्या हैं बोर्ड के नियम 

अधिकारी ने बताया कि नियमों के अनुसार लंबी बीमारी होने पर, माता या पिता के निधन पर या इसी प्रकार के किसी अन्य कारण, राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलों में हिस्सा लेने के लिए छात्रों को इन मानक संचालक प्रक्रियाओं से छूट दी जा सकती है।

बोर्ड के परीक्षा उपनियमों के नियम 13 में सीबीएसई की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं में बैठने के पात्र बनने के लिए छात्रों की आवश्यक हाजिरी के बारे में बताया गया है।

वहीं, परीक्षा उपनियमों के नियम 14 में बताया गया है कि कितनी प्रतिशत हाजिरी तक छात्रों को परीक्षा में बैठने की छूट मिल सकती है या उसके परीक्षा में बैठने के संबंध में विचार किया जा सकता है।