(www.arya-tv.com) शायर मुनव्वर दोहरी मुसीबत में फंस गए हैं। शुक्रवार देर रात उनकी तबियत खराब हो गई। उन्हें लखनऊ के PGI हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। वहीं दूसरी ओर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने मुकदमें में राहत देने की मांग वाली याचिका को भी खारिज कर दी है। मुनव्वर ने महर्षि वाल्मीकि की तुलना तालिबान से की थी। इस मामले में वाल्मीकि समज के नेता पीएल भारती ने उनके खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने और कई अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।
मुकदमें को चुनौती देने वाली याचिका की खारिज
समाजिक सरोकार फाउंडेशन संस्था की तरफ से मुनव्वर राना के खिलाफ 21 अगस्त को हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसमें राना पर आरोप लगा था कि उन्होंने महर्षि वाल्मीकि की तुलना तालिबान से करके हिंदुओं की आस्था का अपमान किया है। राना पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का भी आरोप लगा। राना ने कहा था, ‘महर्षि वाल्मीकि न केवल पवित्र ग्रंथ रामायण के रचनाकार है, बल्कि वह वाल्मीकि एक लेखक थे। तालिबान भी दस साल बाद वाल्मीकि होंगें। हिन्दू धर्म में तो किसी को भी भगवान कह देते है।’ इस मामले में दर्ज एफआईआर और गिरफ्तारी से बचने के लिए मुनव्वर ने कोर्ट की शरण ली थी। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने उनकी दोनों मांगों को ठुकरा दिया।
चैनल में चर्चा के दौरान की थी टिप्पणी
हजरतगंज कोतवाली के प्रभारी श्याम शुक्ला ने बताया कि वाल्मीकि समाज के नेता पीएल भारती की शिकायत पर शायर के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। पीएल भारती का आरोप है कि मुनव्वर ने तालिबान की तुलना महर्षि से करके देश के करोड़ों दलितों को ठेस पहुंचाई है। उनका अपमान किया है। हिंदुओं की आस्था को भी चोट पहुंचाई है।
पीएल भारती के साथ-साथ आंबेडकर महासभा के महामंत्री अमरनाथ प्रजापति ने भी मुनव्वर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए कार्रवाई की मांग की थी। एक चैनल में चर्चा के दौरान मनुव्वर ने तालिबान की तुलना महर्षि वाल्मीकि से की थी।