अमरुल्ला सालेह का आरोप- तालिबान को हवाई सहायता और अफगान को चेतावनी दे रहा पाक

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(www.arya-tv.com)अफगानिस्तान की सेना ने शुक्रवार को पाकिस्तान सीमा पर तालिबान के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया। स्पिन बोल्डक जिले में अफगानी सैनिक तालिबानी लड़ाकों से भिड़ गए। बोल्डक के व्यापारिक मार्ग, बाजार और सैन्य चौकियों पर तालिबान ने मंगलवार को कब्जा कर लिया था। अफगान सेना इन्हें छुड़ाने की कोशिश कर रही है। दूसरी तरफ, अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने पाकिस्तान पर तालिबान की मदद करने का आरोप लगाया है।

सालेह ने कहा- ‘पाकिस्तानी एयरफोर्स ने अफगान आर्मी और एयरफोर्स को चेतावनी दी है कि वे स्पिन बोल्डक जिले से तालिबान को हटाने की कोशिश न करें। अगर कोशिश की तो पाक इसका जवाब कड़ी कार्रवाई के रूप में देगा। यही नहीं, पाक वायुसेना ने तालिबान को कुछ क्षेत्रों में हवाई सहायता भी दी है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा- ‘सालेह के आरोप अनुचित हैं। हमने अपने अधिकार क्षेत्र में अपने सैनिकों और लोगों की हिफाजत के लिए जरूरी उपाय किए हैं।’ इस पर सालेह ने कहा- ‘पाकिस्तान 20 साल से अपनी धरती पर तालिबान को रखे हुए है। लेकिन दुनिया से कहता है कि उसके यहां चरमपंथी नहीं हैं।’

तालिबान ने कपिसा प्रांत में डिप्टी गवर्नर की हत्या की
तालिबान ने शुक्रवार को मुठभेड़ में कपिसा प्रांत के डिप्टी गवर्नर अजीज-उर-रहमान की हत्या कर दी। इससे पहले बोल्डक जिले में हुई मुठभेड़ को लेकर घटनास्थल पर मौजूद पत्रकारों ने बताया कि दर्जनों तालिबानी लड़ाके घायल हुए हैं, जिनका पाकिस्तानी अस्पताल में इलाज चल रहा है। मालूम हो कि बोल्डक से बलूचिस्तान तक सीधा रास्ता है। बलूचिस्तान में तालिबान के शीर्ष कमांडरों का डेरा है। यहां से अफगान के लिए तालिबानी लड़ाकों की भर्तियां की जाती हैं।

अफगान के राष्ट्रपति से मिले भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ताशकंद में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात की। इसके बाद जयशंकर ने कहा- ‘अफगानिस्तान में शांति, स्थिरता और विकास के प्रति हमने अपना समर्थन दोहराया।’ उधर, गनी के कार्यालय ने कहा कि जयशंकर ने उन्हें बताया कि भारत अफगान को मानवीय मदद जारी रखेगा। उसे 1.50 लाख टन गेहूं भेजेगा। अफगानिस्तान के समर्थन में भारत क्षेत्रीय सहमति मजबूत बनाने के लिए काम करता रहेगा।

सेना की मदद करने वालों को साथ ले जाएगा अमेरिका
इधर, तालिबान से लड़ने में अमेरिकी सैनिकों की मदद करने वाले नागरिक अब चिंतित हैं कि सेना के जाने के बाद तालिबानी उनका क्या हाल करेंगे। इसे लेकर अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जिन्होंने तालिबान से जंग लड़ने में हमारी मदद की, हम उन्हें अपने सैनिकों के साथ देश से बाहर निकालेंगे। उन्होंने कहा- ‘जो लोग पहले से ही विशेष अप्रवासी वीजा पाने की प्रक्रिया में हैं, उनके लिए अफगानिस्तान से जुलाई अंत से उड़ानें शुरू की जाएँंगी।’