सैदापुर में प्रधान की लूट से परेशान ग्रामीण, हर योजना में किया भ्रष्टाचार

Lucknow UP

ठाकुर अजय सिंह

लखनऊ। विभागों में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए सरकार तमाम कोशिशे कर रही है। बहुत हद तक सफल भी हुई पर पंचायतों में प्रधान और सचिव की जोड़ी लूट का तांडव कर रही है।

वह अलग बात है कि उत्तर प्रदेश में योगीराज आने के तुरंत बाद कई प्रधानों और ग्राम सचिवों को जेल भेजा जा चुका है। कई प्रधानों का बस्ता छीना गया पर यह सब नाकाफी है। आज भी तमाम पंचायतों में प्रधान और सचिवों की साजगांध से आम जनता के धन को लूटा जा रहा है।

ताजा मामला राजधानी लखनऊ के माल तहसील के सैदापुर गांव का है। सैदापुर निवासी रमेश गौतम भी अपने प्रधान के भ्रष्टाचार से परेशान हैं। उनकी माने तो प्रधान ने हर योजना में भ्रष्टाचार किया है। रमेश ने कुछ महीने पहले अपने प्रधान से पांच सालों के काम काज की सूचना मांग ली। संतुष्टिजनक उत्तर न मिलने के बाद उन्होंने आयोग का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद आयोग में पेशी लगी तो जानकारी मिली। इस मामले में 3 जुलाई को पंचायतघर में जांच के लिए अधिकारी आ रहे हैं। बहरहाल हम इसकी जानकारी जल्द ही आपको देंगे।

क्या है पूरा मामला
शिकायतकर्ता रमेश गौतम की माने तो सैदापुर पंचायत में आने वाले दो प्राथमिक स्कूलों की बाउंड्रीवाल के लिए प्रधान ने बजट बनाया, लेकिन बाउंड्री भी नहीं बनी और पैसा भी निकाल लिया गया। इसका पैसा 2017 और 18 में निकाला गया।

गोशाला के नाम पर लूट
पंचायत में गोशाला तो बनी है और उसके संरक्षण के लिए सरकार से पैसा भी लिया जा रहा है पर सुविधा के नाम पर जानवरों को भर पेट खाना तक नहीं दिया जाता। जानवरों की रोजाना मौत हो रही है।

यहां भी भ्रष्टाचार
सैदापुर चौराहे पर सरकारी जमीन पर प्रधान ने 5 दुकानें बनवाई हैं। ये दुकानें आधी उनकी जमीन में आधी से ज्यादा पंचायत की जमीन पर कब्जा करके बनवाई गई हैं। इतना ही नहीं शौचालय निर्माण में भी घोटाला किया गया है।

रघुनाथपुर गांव में 172 शौचालय आए थे जिसमेें सिर्फ 142 बने बाकी गायब हो गए। रिबोर के नाम पर प्रधान ने पैसा निकलवा लिया लेकिन पंचायत में आज भी 7 नल ऐसे हैं जो खराब हैं जबकि उनके रिबोर का पैसा निकाला जा चुका है।