कारगिल विजय दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर विजय दिवस पर शहीदों का याद किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का दिन सेना के साहस को याद करने का दिन है। जवानों ने 1999 में हमारे राष्ट्र की लगातार रक्षा की। उनकी वीरता पीढ़ियों को प्रेरित करती है।
वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि करगिल विजय दिवस भारत के स्वाभिमान, अद्भुत पराक्रम और दृढ़ नेतृत्व का प्रतीक है। मैं उन शूरवीरों को नमन करता हूँ, जिन्होंने अपने अदम्य साहस से करगिल की दुर्गम पहाड़ियों से दुश्मन को खदेड़ कर वहाँ पुनः तिरंगा लहराया। मातृभूमि की रक्षा के लिए समर्पित भारत के वीरों पर देश को गर्व है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कारगिल विजय दिवस की 21वीं वर्षगांठ पर मैं भारतीय सशस्त्र बलों के उन बहादुर सैनिकों को सलाम करना चाहता हूं जिन्होंने हाल के इतिहास में दुनिया की सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में दुश्मन का मुकाबला किया।
आपको बता दें कि 1999 में कारगिल युद्ध हुआ था। उस वक्त केंद्र में अटल बिहारी बाजपेई की सरकार थी। भारतीय जवानों ने पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए थे। कारगिल युद्ध, जिसे ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है, भारत और पाकिस्तान के बीच मई और जुलाई 1999 के बीच कश्मीर के करगिल जिले में हुए सशस्त्र संघर्ष का नाम है।
करगिल विजय दिवस भारत के स्वाभिमान, अद्भुत पराक्रम और दृढ़ नेतृत्व का प्रतीक है। मैं उन शूरवीरों को नमन करता हूँ, जिन्होंने अपने अदम्य साहस से करगिल की दुर्गम पहाड़ियों से दुश्मन को खदेड़ कर वहाँ पुनः तिरंगा लहराया। मातृभूमि की रक्षा के लिए समर्पित भारत के वीरों पर देश को गर्व है। pic.twitter.com/mD9Ged8Pkz
— Amit Shah (@AmitShah) July 26, 2020
पाकिस्तान की सेना और कश्मीरी उग्रवादियों ने भारत और पाकिस्तान के बीच की नियंत्रण रेखा पार करके भारत की ज़मीन पर कब्ज़ा करने की कोशिश की। पाकिस्तान ने दावा किया कि लड़ने वाले सभी कश्मीरी उग्रवादी हैं, लेकिन युद्ध में बरामद हुए दस्तावेज़ों और पाकिस्तानी नेताओं के बयानों से साबित हुआ कि पाकिस्तान की सेना प्रत्यक्ष रूप में इस युद्ध में शामिल थी। लगभग 30,000 भारतीय सैनिक और करीब 5000 घुसपैठिए इस युद्ध में शामिल थे। भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान के कब्ज़े वाली जगहों पर हमला किया और धीरे-धीरे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से पाकिस्तान को सीमा पार वापिस जाने को मजबूर किया। यह युद्ध ऊँचाई वाले इलाके पर हुआ और दोनों देशों की सेनाओं को लड़ने में काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। परमाणु बम बनाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ यह पहला सशस्त्र संघर्ष था। भारत ने कारगिल युद्ध जीता।
On Kargil Vijay Diwas, we remember the courage and determination of our armed forces, who steadfastly protected our nation in 1999. Their valour continues to inspire generations.
Will speak more about this during today’s #MannKiBaat, which begins shortly. #CourageInKargil
— Narendra Modi (@narendramodi) July 26, 2020
ये है घटनाक्रम
3 मई 1999 : एक चरवाहे ने भारतीय सेना को कारगिल में पाकिस्तान सेना के घुसपैठ कर कब्जा जमा लेने की सूचनी दी।
5 मई : भारतीय सेना की पेट्रोलिंग टीम जानकारी लेने कारगिल पहुँची तो पाकिस्तानी सेना ने उन्हें पकड़ लिया और उनमें से 5 की हत्या कर दी।
9 मई : पाकिस्तानियों की गोलाबारी से भारतीय सेना का कारगिल में मौजूद गोला बारूद का स्टोर नष्ट हो गया।
10 मई : पहली बार लदाख का प्रवेश द्वार यानी द्रास, काकसार और मुश्कोह सेक्टर में पाकिस्तानी घुसपैठियों को देखा गया।
26 मई : भारतीय वायुसेना को कार्यवाही के लिए आदेश दिया गया।
27 मई : कार्यवाही में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ मिग-27 और मिग-29 का भी इस्तेमाल किया।
26 जुलाई : कारगिल युद्ध आधिकारिक तौर पर समाप्त हो गया । भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों के पूर्ण निष्कासन की घोषणा की।
https://twitter.com/AmitShah/status/1287203219622383616/photo/1
On the 21st anniversary of Kargil Vijay, I would like to salute the brave soldiers of the Indian Armed Forces who fought the enemy under the most challenging conditions that the world had witnessed in the recent history. #CourageInKargil
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 26, 2020