श्रीराम मंदिर के निकट श्रीराम अस्पताल में जल्द ही 300 बेड का अत्याधुनिक कार्डियो यूनिट स्थापित होगी। इसके लिए श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा था। वहां से उत्तर प्रदेश शासन को निर्देश मिलने के बाद गुरुवार को स्वास्थ्य महानिदेशक (डीजी हेल्थ) डॉ. रतनपाल सिंह ने अयोध्या स्थित श्रीराम अस्पताल और ऋषभदेव आई हॉस्पिटल का निरीक्षण किया।
अयोध्या और आसपास के जिलों में हृदय संबंधी बीमारियों के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। इसको ध्यान में रखते हुए श्रीराम अस्पताल में हार्ट केयर यूनिट बनाने की तैयारी है। इससे हार्ट अटैक और अन्य कार्डियक समस्याओं के मरीजों को त्वरित और प्रभावी उपचार मिल सकेगा। यह सुविधा अयोध्या के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगी। राम मंदिर से सटे हुए श्रीराम अस्पताल को जिले का प्रमुख और भरोसेमंद चिकित्सा केंद्र माना जाता है। मंदिर के निकट होने के कारण यहां आने वाले श्रद्धालु भी उपचार के लिए पहुंचते है, उनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। इस स्थिति को देखते हुए अस्पताल को अत्याधुनिक तकनीकों और सुविधाओं से लैस करने की दिशा में तेजी से बदलाव किए जा रहे हैं।
इसको लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य महानिदेशक ने गुरुवार को सीएमओ डॉ. सुशील बनियान, दो अपर निदेशक और इंजीनियरों की टीम के साथ श्रीराम अस्पताल और साकेत महाविद्यालय के सामने स्थित ऋषभदेव आई हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। निरीक्षण का सबसे अहम हिस्सा श्रीराम अस्पताल का उच्चीकरण रहा। इस दौरान उन्होंने अस्पतालों की मौजूदा सुविधाओं, उपलब्ध संसाधनों, स्टाफ की स्थिति और मरीजों को मिल रही सेवाओं की विस्तृत समीक्षा की। अधिकारियों के साथ लंबी बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में अस्पताल को आधुनिक ट्रॉमा सेंटर, कार्डियोलॉजी सेंटर और जेनेटिक्स यूनिट से लैस करने का ब्लूप्रिंट तैयार किया गया।
जेनेटिक यूनिट स्थापित करने का प्रस्ताव
-बैठक में अस्पताल में एक जेनेटिक यूनिट स्थापित करने का प्रस्ताव भी रखा गया है। यह यूनिट आनुवंशिक रोगों की जांच और उपचार की उन्नत सेवाएं प्रदान करेगी। वर्तमान में यह सुविधा प्रदेश के चुनिंदा अस्पतालों में ही उपलब्ध है।ऐसे में अयोध्या में इसका स्थापित होना एक माइलस्टोन होगा और स्थानीय नागरिकों को अत्याधुनिक चिकित्सा से जुड़ने का अवसर देगा। वहीं अत्याधुनिक कार्डियो यूनिट को लेकर भी विचार विमर्श हुआ। इसके लिए श्रीराम अस्पताल को उपयुक्त माना गया। अस्पताल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार इसके लिए श्रीराम अस्पताल से बाल रोग समेत कई अन्य यूनिट को ऋषभदेव आई अस्पताल में शिफ्ट किया जा सकता है। वहीं, यहीं पर गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी के लिए एक यूनिट खोले जाने की संभावनाओं पर विचार विमर्श किया गया।
किसी भी स्थिति में नहीं दिया जाएगा कोडिन कफ सिरफ : डॉ. रतनपाल
कोडिन युक्त कफ सिरप पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के राज्य सरकार के फैसले को दोहराते हुए डीजी हेल्थ ने सख्त लहजे में कहा बच्चों के लिए किसी भी स्थिति में कोडिन कफ सिरफ नहीं दिया जाएगा। यह दवा नशे की लत का कारण बन सकती है, इसलिए इस पर पूर्ण प्रतिबंध है। कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में सभी चिकित्सकों और अस्पतालों को सख्त सर्कुलर जारी कर दिया है। साथ ही औषधि विभाग की टीमें प्रदेश भर में मेडिकल स्टोर्स पर लगातार जांच अभियान चला रही हैं। अवैध रूप से कोडिन सिरप बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। कहा कि अयोध्या अब सिर्फ आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि विश्व पटल पर एक विकसित शहर के रूप में उभर रही है। लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं। ऐसे में श्रीराम अस्पताल को अत्याधुनिक बनाना हमारी प्राथमिकता है। कार्डियो सेंटर से दिल के मरीजों को और जेनेटिक यूनिट से दुर्लभ आनुवंशिक बीमारियों का इलाज संभव हो सकेगा। कहा कि विस्तारीकरण के लिए अतिरिक्त भवन, नई मशीनरी और विशेषज्ञ डॉक्टरों की भर्ती की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुशील बनियान ने बताया कि डीजी हेल्थ ने विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा की। उन्होंने रामलला के दर्शन भी किए।
