प्रदेश में पंचायत चुनाव की मतदाता सूची से 52 लाख डुप्लीकेट नाम कटेंगे। तमाम जिलों को राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से भेजे गए पत्र में 15 नवंबर तक सत्यापन का काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। 15 जनवरी को अंतिम वोटर लिस्ट जारी होगी।
इस बीच सामने आ रहीं त्रुटियों के मद्देनजर 15 जनवरी को अंतिम मतदाता सूची जारी करने से पहले यह काम पूरा होना बड़ी चुनौती बना हुआ है। दरअसल, नामों की डुप्लीकेसी को देखते हुए नाम काटने के निर्देश जिलाधिकारियों को अगस्त में ही दिया गया था, लेकिन माना जा रहा है कि अधीनस्थ अधिकारी ढुलमुल रवैया दिखाते रहे। फिलहाल मात्र 13.28 लाख डुप्लीकेट मतदाताओं का सत्यापन किया गया है और इसमें से 1.63 लाख मतदाता गलत मिले हैं।
वहीं, 2.14 करोड़ मतदाताओं का सत्यापन किया जाना बाकी है। अकेले पीलीभीत के पूरनपुर ब्लॉक में ही 97 हजार डुप्लीकेट मतदाता हैं। सैदपुर गाजीपुर में 71 हजार, पडरौना के 63 हजार और हापुड़ में 61 हजार डुप्लीकेट मतदाता हैं। ऐसे ही वाराणसी, बिजनौर, आजमगढ़, जौनपुर व अंबेडकरनगर इत्यादि जिलों में बड़ी संख्या में डुप्लीकेट वोटर हैं।
अप्रैल तक संपन्न हो जाएंगे पंचायत चुनाव
प्रदेश में वर्ष 2026 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत स्तर पर होने हैं, जो हर 5 वर्ष में होते हैं। माना जा रहा है कि चुनाव अप्रैल तक संपन्न हो जाएंगे। राज्य में लगभग 58000 पंचायतें, 8000 पंचायत वार्ड और 800 से जिला पंचायत वार्ड हैं, जिनमें 50 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। इन पंचायत चुनाव के लिए जनवरी 2026 में अधिसूचना जारी हो सकती है और फरवरी-मार्च 2026 में कई चरणों में चुनाव हो सकते हैं। एससी/एसटी आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया पूरी होते ही आयोग चुनाव कार्यक्रम घोषित करेगा।
उम्मीदवारों की खर्च सीमा में बढ़ोत्तरी
पंचायत चुनाव की तैयारियों के बीच आयोग ने प्रत्याशियों के लिए खर्च सीमा में भी बढ़ोत्तरी की है। ग्राम प्रधान अब अधिकतम 1.25 लाख रुपये खर्च कर सकेंगे, जबकि जिला पंचायत सदस्य के लिए यह सीमा 2.5 लाख रुपये है। सर्वाधिक 7 लाख रुपये जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए तय किए गए हैं। आयोग ने पारदर्शिता बनाए रखने और खर्च पर नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए यह फैसला लिया है। सूत्रों के मुताबिक, बैलेट पेपर की छपाई का काम भी शुरू हो चुका है।
किसी भी स्तर पर लापरवाही पर कठोर कार्रवाई तय
प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण को लेकर गुरुवार की बैठक में जिला निर्वाचन अधिकारी, शामली के बिना सूचना के अनुपस्थित रहने पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए उनका स्पष्टीकरण मांगे जाने के निर्देश दिये। साथ ही सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया गया कि विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान किसी भी स्तर पर कार्य में लापरवाही तथा दिये गये निर्देशों की अवहेलना पाये जाने पर कठोर कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों और मतदाताओं से विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण अभियान में सक्रिय सहयोग करने की अपील की है।
